कोरोना का सहारा लेकर पंचायत चुनाव को प्रभावित करना चाहती है भाजपा सरकार: अखिलेश

कोरोना का सहारा लेकर पंचायत चुनाव को प्रभावित करना चाहती है भाजपा सरकार: अखिलेश

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  • Publish Date - March 27, 2021 / 01:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

बाराबंकी/लखनऊ, 27 मार्च (भाषा) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी (कोरोना) का सहारा लेकर भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव को प्रभावित करना चाहती है।

यादव ने कहा, ”चुनाव नहीं था तो कोई वैश्विक महामारी नहीं थी और अब यहां चुनाव है तो वैश्विक महामारी के बहाने हमारे और आपके अधिकारों को सरकार छीन रही है।”

बाराबंकी जिला मुख्यालय से चार किमी दूर स्थित मोहनलाल वर्मा डिग्री कॉलेज में समाजवादी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की मूर्ति का अनावरण करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा, ”भाजपा योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। बंगाल में विधानसभा चुनाव हैं पर वहां कोरोना नहीं है, लेकिन यहां पंचायत चुनाव में प्रशासन से हस्तक्षेप कराना है, इसलिए यहां वैश्विक महामारी है।”

सपा प्रमुख ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्‍यमंत्री लाल रंग देखकर घबरा रहे हैं और वह जानते हैं कि आने वाले समय में लाल टोपी वाले सरकार बनाने जा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र और संविधान खतरे में है और आज जिस रास्ते पर भारतीय जनता पार्टी है, यही रास्ता बना रहा तो हमारे अधिकारों को छीन लिया जाएगा। आज जो परिस्थितियां बन गई हैं, उसमें भाजपा के लोग सरकारी चीजों को कंपनी बना रहे हैं।

यादव ने सवाल उठाया, ”सरकारी चीजें कंपनी बन जाएंगी तो हमारे अधिकारों का क्या होगा? अगर चीजें प्राइवेट हाथों में चली जाएंगी तो आपके आरक्षण का क्या होगा, आपकी नौकरियों का क्या होगा, जो अधिकार संविधान से मिल रहे थे, उन अधिकारों का क्या होगा, अगर अधिकार छीनने लगे तो हमारी खेती का क्या होगा?”

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार की आलोचना की।

बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र और कार्यक्रम के आयोजक राकेश वर्मा को बधाई देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने ”बड़े नेता” की स्मृति मे इतना बड़ा कार्यक्रम किया और उमड़ी भीड़ से स्पष्ट है कि इस सरकार से सभी ऊब चुके है और परिवर्तन चाहते हैं।

भाषा आनन्द सं

शफीक