Caste Census in India: अनुसूचित जातियों (SC) के लिए शुरू हुई जातिगत जनगणना.. उप-जातियों का डाटा आएगा सामने, 65 हजार शिक्षक किये गए तैनात..

सरकार ने इस अभियान के लिए 65,000 से अधिक टीचर्स को इस काम में तैनात किया है। सभी 10-12 सर्वेक्षकों पर एक पर्यवेक्षक तैनात किया गया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे घर-घर सर्वेक्षण, 19-21 मई के शिविरों या 19-23 मई के बीच ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उप-जाति की जानकारी सर्वेक्षकों को दें।

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  • Publish Date - May 5, 2025 / 02:43 PM IST,
    Updated On - May 5, 2025 / 02:50 PM IST

Caste census started in Karnataka || Image- Telangana Today file

HIGHLIGHTS
  • कर्नाटक सरकार ने एससी उप-जातियों की गणना हेतु घर-घर सर्वेक्षण शुरू किया।
  • जनगणना तीन चरणों में 5 से 17 मई तक कराई जा रही है।
  • सामाजिक न्याय हेतु 65,000 शिक्षक, विशेष शिविर, ऑनलाइन सुविधा और हेल्पलाइन तैनात की गई।

Caste census started in Karnataka: बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने सोमवार से अनुसूचित जातियों (एससी) की उप-जातियों की जनसंख्या के आंकड़े जुटाने के लिए एक जातिवार जनगणना अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे सामाजिक न्याय को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम करार दिया है। इस जनगणना का मकसद आरक्षण के फायदे सभी वंचित जाति, वर्ग के उपजातियों को सम्मान रूप मिल सके यह तय करना है।

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यह जनगणना 5 मई से 17 मई तक तीन चरणों में कराया जाएगा। इसके तहत पहले घर-घर सर्वेक्षण फिर विशेष शिविर और फिर आखिर में ऑनलाइन स्व-घोषणा का कार्यक्रम किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख रिटायर्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नागमोहन दास की अध्यक्षता वाला एक सदस्यीय कमीशन करेगी।

इस बारें में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने अनुसूचित जातियों की जातिवार जनगणना शुरू कर दी है। यह जनगणना समाज के भीतर मौजूद असमानताओं को दूर करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। हमें एससी के भीतर उप-समूहों की जनसंख्या का सटीक डेटा चाहिए।”

कर्नाटक में 10 जातियां सूचीबद्ध

बता दें कि, कर्नाटक में SC कैटगरी के अंतर्गत कुल 101 जातियाँ लिस्टेड हैं, जिनमें लेफ्ट और राइट हैंड, लमनी, कोरमा और कोराचा जैसे सब-कैटेगरी यानी उप जातियां शामिल हैं। राज्य सरकार का कहना है कि 2011 की जनगणना में उप-जातियों से जुड़ी डिटेल जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह से आरक्षण को सही ढंग से लागू करने में उन्हें कोई तरह की मुश्किलें आई।

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Caste census started in Karnataka: सरकार ने इस अभियान के लिए 65,000 से अधिक टीचर्स को इस काम में तैनात किया है। सभी 10-12 सर्वेक्षकों पर एक पर्यवेक्षक तैनात किया गया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे घर-घर सर्वेक्षण, 19-21 मई के शिविरों या 19-23 मई के बीच ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी उप-जाति की जानकारी सर्वेक्षकों को दें। सरकार को उम्मीद है कि आयोग डेटा संग्रह के 60 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंप देगा, जिसके आधार पर आरक्षण नीतियों को आखिरी रूप दिया जाएगा। इसके लिए एक स्पेशल हेल्पलाइन (94813-59000) भी शुरू किया है।

1. यह जातिवार जनगणना किस उद्देश्य से की जा रही है?

यह जनगणना अनुसूचित जातियों की उप-जातियों की सटीक संख्या जानकर आरक्षण का सही लाभ देना सुनिश्चित करेगी।

2. यह जनगणना किस अवधि में और कैसे की जा रही है?

यह अभियान 5 मई से 17 मई तक तीन चरणों में चलेगा—घर-घर सर्वे, विशेष शिविर, और ऑनलाइन घोषणा।

3. इस जनगणना में नागरिक कैसे भाग ले सकते हैं?

नागरिक सर्वेक्षण टीम को घर पर जानकारी दे सकते हैं, 19-21 मई के शिविर में भाग लें या 19-23 मई के बीच ऑनलाइन डिटेल दें।