तिरुवनंतपुरम, 15 दिसंबर (भाषा) केरल अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफके-2025) के आयोजक लगभग 19 फिल्मों के प्रदर्शन के लिए आधिकारिक सेंसर छूट का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें फलस्तीन संघर्ष से संबंधित फिल्में, सर्गेई आइजनस्टीन की 100 साल पुरानी क्लासिक ‘बैटलशिप पोटेमकिन’ और ‘बीफ’ नामक एक फिल्म शामिल हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय से इन फिल्मों को 12 से 19 दिसंबर तक आयोजित 30वें आईएफएफके में प्रदर्शित करने की अनुमति लेने के लिए बातचीत की जा रही है।
आईएफएफके के एक संदेश में कहा गया, ’15 दिसंबर को शाम 6.30 बजे श्री थिएटर में प्रदर्शित होने वाली ‘बैटलशिप पोटेमकिन’ का प्रदर्शन रद्द कर दिया गया है। एक संशोधित कार्यक्रम जल्द ही घोषित किया जाएगा।’
सूत्रों ने कहा कि ‘बैटलशिप पोटेमकिन’ सिनेमा के सबसे प्रभावशाली कार्यों में से एक है, जिसे फिल्म इतिहास में महानतम माना जाता है। इसके अलावा, फलस्तीन-थीम वाली फिल्म ‘ऑल दैट्स लेफ्ट ऑफ यू’ और ‘बीफ’ भी अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रही है।
अनुमोदन में कथित देरी के कारण मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कड़ी आलोचना की है।
माकपा महासचिव एम ए बेबी ने हस्तक्षेप के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को दोषी ठहराया और इसे ‘बेहद बेतुका और अजीब हस्तक्षेप’ बताया जो डर पैदा करता है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रालय की कार्रवाई अतार्किक और सत्तावादी है।
उन्होंने कहा कि ‘बैटलशिप पोटेमकिन’ एक क्लासिक फिल्म है जिसका दुनिया भर के फिल्म निर्माता सम्मान के साथ अध्ययन करते हैं, ‘लगभग एक पाठ्यपुस्तक की तरह।’
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘कट्टरपंथियों के एक समूह ने तय किया है कि फिल्म प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए। यह दिखाता है कि देश किस खतरनाक दिशा में जा रहा है।’
भाषा सुमित नेत्रपाल
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