केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर में चुनावी लोकतंत्र को खत्म कर रही है: माकपा

केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर में चुनावी लोकतंत्र को खत्म कर रही है: माकपा

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  • Publish Date - August 25, 2022 / 08:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर में चुनावी लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया है।

पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार मुस्लिम बहुल आबादी को ‘‘अशक्त’’ बनाने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है।

पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी की 16 अगस्त को की गई उस घोषणा की आलोचना की गई जिसमें कहा गया था कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार होने वाली मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन के बाद बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख मतदाताओं को शामिल किए जाने की संभावना है।

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त किये जाने और विशेष दर्जे को रद्द करने के तीन साल बाद, मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी को शक्तिहीन बनाकर अपने हितों को साधने के लिए चुनावी व्यवस्था को फिर से व्यवस्थित करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘वास्तव में, 76 लाख पंजीकृत मतदाताओं में लगभग 25 लाख मतदाताओं के जुड़ने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में चुनावी संतुलन में एक बड़ा बदलाव आएगा और जनसांख्यिकीय परिवर्तन होगा।’’

पार्टी ने कहा कि नए नियमों का मतलब यह भी होगा कि पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, जो 1947 से राज्य में रह रहे हैं और जो एनपीआर के रूप में नामांकन करा सकते हैं, सामान्य निवासी के तौर पर विधानसभा चुनाव में मतदान करने के पात्र होंगे।

माकपा ने यह भी दावा किया कि मतदाता सूची में बदलाव भाजपा को जम्मू क्षेत्र में एक बड़ा बहुमत हासिल करने और घाटी में उभरे छोटे दलों के कुछ अलग समूहों की मदद से सरकार बनाने में सहायता करने के लिए किया गया है।

उसने यह भी आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों में जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर जबरदस्त हमला हुआ है।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश