राजस्थान के प्रोफेसर से सात करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के मामले में चार के खिलाफ आरोपपत्र दायर

राजस्थान के प्रोफेसर से सात करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के मामले में चार के खिलाफ आरोपपत्र दायर

  •  
  • Publish Date - June 10, 2025 / 10:33 PM IST,
    Updated On - June 10, 2025 / 10:33 PM IST

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ घोटाले को अंजाम देने वाले चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। राजस्थान के एक प्रोफेसर से कथित तौर पर 7.67 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम देने में ये चारों शामिल थे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को कथित तौर पर कानून प्रवर्तन अधिकारी के रूप में पेश करके अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच 42 किस्तों में पीड़ित से 7.67 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की।

अधिकारियों के मुताबिक, साइबर अपराधियों ने खुद को विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों का कर्मचारी बताकर पीड़ित को तीन महीने से अधिक समय तक डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर रखा।

उन्होंने बताया कि सीबीआई ने गिरोह के चार कथित सदस्यों-विकास कुमार, राजपाल सिंह, नितिन सुथार और संतोष गुप्ता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, “चार आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी की तारीख से 60 दिनों की वैधानिक समयसीमा के भीतर आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है, जैसा कि कानून के तहत निर्धारित है, जबकि बाकी चार आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है।”

किसी भी जांच एजेंसी को आरोपी की गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करना होता है, वरना वे कानून के अनुसार वैधानिक जमानत के लिए पात्र हो जाते हैं।

प्रवक्ता के मुताबिक, पीड़िता राजस्थान के एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान में प्रोफेसर है।

उन्होंने बताया कि एजेंसी को प्राप्त महत्वपूर्ण इनपुट के आधार पर ‘ऑपरेशन चक्र-5’ के तहत साइबर अपराध नेटवर्क के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत देशभर में कई स्थानों पर व्यापक तलाशी ली गई।

प्रवक्ता ने कहा, “तलाशी के दौरान आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई।” उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आठ आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश