मालेगांव जांच में भागवत को फंसाने की थी कांग्रेस की साजिश, चिदंबरम से पूछताछ होनी चाहिए: हिमंत

मालेगांव जांच में भागवत को फंसाने की थी कांग्रेस की साजिश, चिदंबरम से पूछताछ होनी चाहिए: हिमंत

मालेगांव जांच में भागवत को फंसाने की थी कांग्रेस की साजिश, चिदंबरम से पूछताछ होनी चाहिए: हिमंत
Modified Date: August 1, 2025 / 03:30 pm IST
Published Date: August 1, 2025 3:30 pm IST

गुवाहाटी, एक अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि मालेगांव विस्फोट मामले की जांच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने की कांग्रेस की साजिश थी।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मा ने आरोप लगाया कि यह तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम द्वारा किया गया “राजनीतिक षड्यंत्र” था।

उन्होंने दावा किया, “यह एक ज्ञात साजिश है कि कांग्रेस भागवत को इस मामले में फंसाना चाहती थी, लेकिन कल अदालत के फैसले (जिसमें सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया) ने पार्टी को बेनकाब कर दिया है।”

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मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूरी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू धर्म को बदनाम करने की थी।

उन्होंने कहा, “कल के फैसले के बाद मेरा आकलन है कि अब चिदंबरम से पूछताछ होनी चाहिए।”

शर्मा ने कहा कि उनसे (चिदंबरम) पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने हिंदू समाज को आतंक के जाल में फंसाने की कोशिश क्यों की। लोगों को भी उनसे यह सवाल पूछना चाहिए।

मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव शहर में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गयी थी और 101 अन्य लोग घायल हो गए थे।

विशेष अदालत ने मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं है।

अदालत ने कहा कि कोई भी धर्म हिंसा नहीं सिखाता है। उसने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन अदालत सिर्फ धारणा के आधार पर दोषी नहीं ठहरा सकती।

भाषा

शुभम प्रशांत

प्रशांत


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