2 से 18 साल के बच्चों को जल्द मिलेगा टीका, कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को मिली मंजूरी

2 से 18 साल के बच्चों को जल्द मिलेगा टीका, कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को मिली मंजूरी

  •  
  • Publish Date - May 12, 2021 / 04:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

नई दिल्ली। भारत में कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेजी से जारी है, वहीं अमेरिका में कल बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है अब भारत में भी बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर मंगलवार को 2-18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की मजूरी दे दी गई है। सूत्रों के अनुसार यह परीक्षण दिल्ली एवं पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना चिकित्सा विज्ञान समेत देश के विभिन्न केंद्रों पर 525 वालंटियर पर यह ट्रायल किया जाएगा।

read more: छत्तीसगढ़ : कोरोना मरीज के उपचार में ज्यादा बिल लेने पर अस्पताल संचालकों को नोटिस जारी, CMHO ने म…

केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। कंपनी के आवेदन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की।

read more: सरकारी देशी-विदेशी बंद शराब दुकान से बेची जा रही शराब, खुलेआम हो रह…

भारत में जहां कोरोना के दूसरे लहर का कहर छाया हुआ है, वहीं दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामले में कमी आई है। इसका कारण है सुरक्षा और तेजी से वैक्सीनेशन लगना। इसी बीच अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 10 मई को 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है।

read more: छत्तीसगढ़ के चार जिलों में होगा तेंदूपत्ता का नगद भुगतान, मंत्री कव…

वहीं, भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की 17 करोड़ खुराकें देकर भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से टीकाकरण किया है। मंत्रालय ने कहा कि इस आंकड़े तक पहुंचने में चीन को 119 दिन जबकि अमेरिका को 115 दिन लगे। भारत ने 114 दिन में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया।