चेन्नई/कांचीपुरम, आठ अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत से कथित तौर पर जुड़े प्रतिबंधित कफ सिरप का उत्पादन करने वाली एक कंपनी के संयंत्र को सील कर दिया है और मध्य प्रदेश पुलिस का एक दल तमिलनाडु पहुंचकर मामले की जांच कर रहा है।
तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को चेन्नई में स्थित कंपनी को दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए आपराधिक कार्रवाई की चेतावनी दी। वहीं, मध्य प्रदेश पुलिस की सात सदस्यीय एसआईटी ने कंपनी के चेन्नई में स्थित पंजीकृत कार्यालय और कांचीपुरम में स्थित फैक्टरी में जांच की।
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने मंगलवार को कहा था कि राज्य में दूषित कफ सिरप के सेवन के बाद गुर्दे खराब होने का इलाज कराते समय कुल 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। शहर की एक कंपनी पर वह दवा बनाने का आरोप है। एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हां। फैक्टरी को मंगलवार शाम को सील कर दिया गया है।”
तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने चार अक्टूबर को कहा था कि विनिर्माण इकाई से लिए गए कफ सिरप के नमूने “मिलावटी” हैं। एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि कंपनी को तुरंत “उत्पादन रोकने” का निर्देश दिया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने एक अक्टूबर से ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए दवा के स्टॉक को बाजार से हटाने का आदेश दिया था। केरल और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों ने भी इसपर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस बीच, मध्य प्रदेश पुलिस के एक सहायक पुलिस आयुक्त के नेतृत्व वाले सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बच्चों की मौत से संबंधित मामले की जांच शुरू की।
उन्होंने कहा कि एसआईटी शहर में कंपनी के पंजीकृत कार्यालय पहुंची और निरीक्षण के तहत संबंधित विवरण एकत्र किए। एसआईटी के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हम कल रात यहां पहुंचे। हम जांच कर रहे हैं। (दवा कंपनी के मालिक) तीन दिन पहले परिसर छोड़ चुके थे। हम सीसीटीवी फुटेज (जो पंजीकृत कार्यालय में उपलब्ध है) के आधार पर विवरण एकत्र कर रहे हैं।”
स्थानीय स्तर पर तमिलनाडु पुलिस एसआईटी की सहायता कर रही है।
भाषा जोहेब प्रशांत
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