अदालत ने 36 बीयर की बोतलें रखने के आरोप में आबकारी अधिनियम के तहत आरोपित व्यक्ति को बरी किया

अदालत ने 36 बीयर की बोतलें रखने के आरोप में आबकारी अधिनियम के तहत आरोपित व्यक्ति को बरी किया

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  • Publish Date - May 22, 2023 / 09:07 PM IST,
    Updated On - May 22, 2023 / 09:07 PM IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) एक अदालत ने 36 बीयर की बोतलें रखने के आरोप में दिल्ली आबकारी अधिनियम के तहत आरोपित एक व्यक्ति को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष कोई “ठोस सबूत” देने में असमर्थ था और इस बात की संभावना थी कि आरोपी को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।

अदालत मिंटू चौधरी के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिस पर 30 अगस्त, 2018 को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बिजवासन में बिना किसी परमिट या लाइसेंस के बीयर की बोतलें रखने के लिए दिल्ली आबकारी अधिनियम की धारा 33 के तहत आरोप लगाया गया था।

अधिनियम की धारा 33 में निर्धारित मात्रा से अधिक नशीला पदार्थ रखने पर सजा का वर्णन है। आबकारी अधिनियम के नियम 20 के अनुसार, भारतीय और विदेशी शराब (व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, ब्रांडी) को व्यक्तिगत तौर पर रखने की अधिकतम सीमा नौ लीटर है, जबकी वाइन, बीयर, लिकर, साइडर और एल्कोपॉप के लिए यह सीमा 18 लीटर और देशी शराब के लिये तीन लीटर है।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अपूर्वा राणा ने हालिया फैसले में कहा, “यह अदालत आरोपी को दिल्ली आबकारी अधिनियम की धारा 33 के तहत अपराध के लिए संदेह का लाभ देती है और आरोपी को उक्त अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराती है। आरोपी मिंटू चौधरी को बरी किया जाता है…।”

मजिस्ट्रेट ने कहा, “इस अदालत की राय है कि अभियोजन पक्ष आरोपी द्वारा अपराध करने और अपराध को साबित करने के लिए किसी भी पुख्ता सबूत को रिकॉर्ड पर लाने में विफल रहा है … एक उचित संदेह से परे, ऐसे में आरोपी व्यक्ति को संदेह और बरी होने का लाभ मिलता है।”

भाषा प्रशांत माधव

माधव