अदालत ने एम जे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी को किया बरी

अदालत ने एम जे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले में प्रिया रमानी को किया बरी

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  • Publish Date - February 17, 2021 / 10:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बुधवार को बरी कर दिया। साथ ही, अदालत ने कहा कि एक महिला को दशकों बाद भी किसी मंच पर अपनी शिकायत रखने का अधिकार है।

रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। अकबर ने उन आरोपों को लेकर रमानी के खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को यह शिकायत दायर की थी।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने अकबर की शिकायत यह कहते हुए खारिज कर दी कि उनके (रमानी के) खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं किया जा सका।

अदालत ने कहा कि जिस देश में महिलाओं के सम्मान के बारे में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य लिखे गये, वहां महिलाओं के खिलाफ अपराध होना शर्मनाक है।

अदालत ने अकबर और रमानी के वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद एक फरवरी को अपना फैसला 10 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया था।

हालांकि, अदालत ने 10 फरवरी को फैसला 17 फरवरी के लिए यह कहते हुए टाल दिया था कि चूंकि दोनों ही पक्षों ने विलंब से अपनी लिखित दलील सौंपी है, इसलिए फैसला पूरी तरह से नहीं लिखा जा सका है।

रमानी ने 2018 में सोशल मीडिया पर चली ‘मीटू’ मुहिम के तहत अकबर के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। हालांकि, अकबर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

भाषा

सुभाष अविनाश

अविनाश