कोच्चि, 22 जुलाई (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पलक्कड नगरपालिका को निर्देश दिया कि वह लावारिस मिली 35 भैंसों में से जीवित बच गईं 22 भैंसों की नीलामी या बिक्री बिना उसकी अनुमति के नहीं करे। नगरपालिका अभी उन भैंसों की देखभाल कर रही है।
अदालत ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि पलक्कड में पशु चिकित्सा अस्पताल से संबद्ध कोई पशु चिकित्सक उस स्थान का दौरा करें जहां नगरपालिका ने 22 भैंसों को रखा है और उन सबके स्वास्थ्य की जांच करें।
न्यायमूर्ति टी आर रवि ने कहा कि पशु चिकित्सक तय कर सकते हैं कि भैंसों के कल्याण के लिए आगे क्या कदम उठाने की जरूरत। अदालत ने 26 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख से पहले कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
अदालत ने राज्य सरकार को यह बताने को कहा कि क्या पुलिस ने उसके द्वारा दर्ज मामले के सिलसिले में भैंसों को जब्त किया है और क्या कोई गिरफ्तारी की गई है।
अदालत ने केरल सरकार, पलक्कड नगरपालिका, पुलिस और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को भी नोटिस जारी किया और नीलामी रोकने के लिए पीपुल फॉर एनिमल्स तथा अहिंसा फार्म एनिमल सैंक्चुअरी द्वारा दायर याचिका पर उनका रुख मांगा गया।
दो पशु अधिकार समूहों के अनुसार, मई में पलक्कड में 35 भैंसें बुरी तरह से कमजोर स्थिति में लावारिस मिली थीं और उनमें से केवल 22 ही जीवित हैं। पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद, नगरपालिका ने उन पशुओं की देखभाल शुरू की।
भाषा अविनाश पवनेश
पवनेश
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