पीएम मोदी का नामांकन रद्द करने को लेकर लगाई गई याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

पीएम मोदी का नामांकन रद्द करने को लेकर लगाई गई याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

  •  
  • Publish Date - November 23, 2020 / 03:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन रद्द होने के मामले में दायर अपील पर मंगलवार को फैसला सुनायेगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने 18 नवंबर को तेज बहादुर की अपील पर सुनवाई पूरी की थी।

Read More: आंदोलन की तैयारी में प्रदेश के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, एक दिसंबर से कलम बंद कर निकालेंगे मशाल रैली

तेज बहादुर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय ने तेज बहादुर का नामांकन पत्र रद्द करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान तेज बहादुर के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल ने पहले निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पर्चा दाखिल किया था लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा था।

Read More: आंदोलन की तैयारी में प्रदेश के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी, एक दिसंबर से कलम बंद कर निकालेंगे मशाल रैली

उच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुये उन्होंने दावा किया कि तेज बहादुर का नामांकन ‘दूसरी वजहों’ से खारिज किया गया था। निर्वाचन अधिकारी ने पिछले साल एक मई को तेज बहादुर का नामांकन अस्वीकार कर दिया था। तेज बहादुर को 2017 में सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था । उसने एक वीडियो में आरोप लगाया था कि सशस्त्र बल के जवानों को घटिया किस्म का भोजन दिया जाता है।

Read More: पूर्व सीएम तरुण गोगोई के निधन पर सीएम भूपेश बघेल ने जताया शोक, कहा- देश के लिए अपूरणीय क्षति

निर्वाचन अधिकारी ने बहादुर का नामांकन पत्र रद्द करते समय कहा था कि उसके नामांकन पत्र के साथ निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में यह प्रमाण पत्र संलग्न नहीं है कि उसे भ्रष्टाचार या शासन के साथ विश्वासघात करने के कारण सशस्त्र बल से बर्खास्त नहीं किया गया है। न्यायालय में 18 नवंबर को इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने बहादुर के वकील से कहा, ‘‘आपको यह प्रमाण पत्र संलग्न करना था कि आपको (बहादुर) सेवा से बर्खास्त नहीं किया गया है। आपने ऐसा नहीं किया। आप हमें बतायें कि जब आपका नामांकन पत्र रद्द हुआ था क्या आप एक पार्टी के पत्याशी थे।’’

Read More: केंद्रीय नेतृत्व को लेकर CM भूपेश बघेल का ट्वीट, परिवर्तन का मुद्दा उठाने वालों ने अभिव्यक्ति का गलत मंच चुना