अदालत ने दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से किया इनकार

अदालत ने दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से किया इनकार

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  • Publish Date - January 19, 2021 / 07:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

अहमदाबाद, 19 जनवरी (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने 13 वर्षीया दुष्कर्म पीडिता को गर्भपात कराने की इजाजत देने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार को उसके परिवार को भोजन और चिकित्सा खर्च के लिए एक लाख रुपये देने का निर्देश दिया। लड़की के परिवार ने इसकी अनुमति मांगी थी।

न्यायमूर्ति बी एन करिया ने डॉक्टरों की टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद लड़की को गर्भपात कराने की अनुमति देने से मना कर दिया। डॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भ्रूण 26 हफ्ते, चार दिन का है और सही देखभाल हो तो भ्रूण के ठीक रहने की संभावना है।

अदालत ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन कानून, 2020 के तहत महिलाओं को 24 हफ्ते तक ही गभर्पात कराने की अनुमति है।

उच्च न्यायालय ने नर्मदा जिले के राजपिपला में एक चिकित्सा केंद्र के अधिकारियों को पीड़िता का इलाज करने का भी निर्देश दिया।

भाषा आशीष वैभव

वैभव