धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार ननों की जमानत याचिका पर सुनवाई का अधिकार नहीं: अदालत

धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार ननों की जमानत याचिका पर सुनवाई का अधिकार नहीं: अदालत

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  • Publish Date - July 30, 2025 / 03:48 PM IST,
    Updated On - July 30, 2025 / 03:48 PM IST

दुर्ग, 30 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की एक सत्र अदालत ने बुधवार को कहा कि उसे राज्य में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार दो कैथोलिक नन की जमानत याचिका पर सुनवाई करने का अधिकार नहीं है।

अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि आरोपी राहत के लिए विशेष अदालत का रुख कर सकते हैं।

नन प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस को सुकमन मंडावी के साथ 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बजरंग दल के एक स्थानीय पदाधिकारी की शिकायत पर गिरफ्तार किया था।

इस पदाधिकारी ने उन पर राज्य के आदिवासी बहुल नारायणपुर ज़िले की तीन महिलाओं का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।

कैथोलिक ननों के अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने बताया कि सत्र अदालत ने उनकी (ननों की) जमानत याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उसके पास भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 143 (मानव तस्करी) के तहत मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है तथा उन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एनआईए अदालत जाना पड़ सकता है।

केरल निवासी दोनों कैथोलिक नन फिलहाल दुर्ग केंद्रीय जेल में बंद हैं।

भाषा सं संजीव नरेश पवनेश

पवनेश