न्यायालय ने बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी की याचिका पर विचार करने से इनकार किया

न्यायालय ने बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी की याचिका पर विचार करने से इनकार किया

न्यायालय ने बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी की याचिका पर विचार करने से इनकार किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: September 6, 2021 10:22 pm IST

नयी दिल्ली, छह सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में मुकदमे की कार्यवाही में हिस्सा लेने के दौरान उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद अपने पति की सुरक्षा के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था।

न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी को इस संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने को कहा। इससे पहले इस साल मार्च में, शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर मुख्तार को पंजाब की रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।

मुख्तार की पत्नी ने याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता के पास इस अदालत का रुख करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश में उनके पति की जान को खतरा है जिसका इस अदालत ने 26 मार्च के अपने फैसले में उल्लेख भी किया था। इससे पहले, प्रयागराज में विशेष अदालत में एक अर्जी दाखिल की गयी थी जिसमें कहा गया था कि जेल के अंदर मुख्तार की जान को खतरा है।

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मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से बसपा विधायक हैं। मुख्तार के खिलाफ उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में 50 से अधिक आपराधिक मामले लंबित हैं और उन्हें इस साल 26 मार्च को जारी शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद सात अप्रैल को बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

भाषा आशीष नरेश

नरेश


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