नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दहेज मांगने के परिणामस्वरूप पत्नी की मौत के मामले में आरोपी पति को जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि उस पर लगे आरोप गंभीर हैं और ऐसे मामलों में किसी भी तरह की नरमी बरतने से समाज में गलत संदेश जाएगा।
उच्च न्यायालय ने कहा कि मामले में आरोप यह दर्शाते हैं कि इस युग में भी विवाहित महिलाओं को धन या दहेज की इच्छा पूरी न होने पर उनके पति और ससुराल वाले अपमानित, प्रताड़ित करते हैं और पीटते हैं।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा, “मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीरता और इस तथ्य पर विचार करते हुए कि ऐसे मामलों में नरमी बरतने से समाज में गलत संदेश जा सकता है, यह अदालत जमानत देने के पक्ष में नहीं है। इस मामले में प्रथम दृष्टया महिला ने आरोपी और उसके परिवार के सदस्यों की धन व दहेज की मांग पूरी न किए जाने के कारण मिली यातना के कारण अपनी जान गंवा दी।”
न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, “उपर्युक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह याचिका खारिज की जाती है।”
महिला को अक्टूबर 2021 में घर पर फांसी लगाने के बाद मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। जांच के दौरान, उसके माता-पिता ने बताया कि उसके पति और ससुराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान कर रहे थे।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश