न्यायालय ने शाहीन बाग धरने संबंधी फैसले पर स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका खारिज की

न्यायालय ने शाहीन बाग धरने संबंधी फैसले पर स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका खारिज की

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  • Publish Date - January 24, 2022 / 09:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उसके 2020 के फैसले पर स्पष्टीकरण मांगने वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चित काल तक कब्जा नहीं किया जा सकता है और असंतोष व्यक्त करने वाले प्रदर्शन सिर्फ निर्दिष्ट स्थानों पर होने चाहिए।

न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने शाहीन बाग में सीएए के विरोध प्रदर्शनों में सार्वजनिक रास्तों पर कब्जे के खिलाफ दलीलों पर फैसला करते हुए सात अक्टूबर, 2020 को कहा था कि लोकतंत्र और असंतोष “एक साथ चलते हैं”, लेकिन विरोध करने और असहमति व्यक्त करने का अधिकार कुछ कर्तव्यों के प्रति जवाबदेही के साथ आता है।

न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “मुद्दा खत्म हो गया है, इसे क्यों सूचीबद्ध किया गया है। क्या स्पष्टीकरण मांगा गया है, मुझे समझ नहीं आया… पूरा मामला खत्म हो गया… किसी फैसले का कोई स्पष्टीकरण नहीं। फैसला अपने आप में स्पष्ट है। याचिका खारिज।”

पीठ में न्यायमूर्ति कौल के साथ न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश भी शामिल थे।

पीठ ने सार्वजनिक स्थानों पर विरोध के अधिकार के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने संक्षेप में कहा कि वह निपटाए जा चुके मामले में एक याचिका पर विचार करके स्वत: स्पष्ट फैसले पर स्पष्टीकरण नहीं दे सकती।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश