अदालत ने कोविड-19 के उपचार मानक में बदलाव की याचिका खारिज की

अदालत ने कोविड-19 के उपचार मानक में बदलाव की याचिका खारिज की

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  • Publish Date - May 25, 2021 / 08:20 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार करने संबंधी वर्तमान प्रोटोकॉल में बदलाव के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी और याचिकाकर्ता पर 25,000 का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने कहा कि उपचार का तरीका विशेषज्ञों के बीच चर्चा, जांच तथा प्रयोगों के आधार पर तय किया गया है। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

उक्त याचिका दो चिकित्सकों और दो अध्ययनकर्ता विश्लेषकों ने दायर की थी। इसमें कहा गया था कि एंटीपायरेटिक दवाएं मसलन पैरासिटेमॉल, एंटीबायोटिक तथा स्टेरॉयड का इस्तेमाल कोविड-19 के गंभीर मामलों में ही किया जाए तथा संक्रमण के शुरुआती चरण में इनमें इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि कौन सी दवाएं दी जानी चाहिए और कितनी मात्रा में दी जानी चाहिए यह प्रयोगों तथा सत्यापित आंकड़ों के आधार पर तय हुआ है और इनमें याचिकाकर्ताओं के दिए सुझावों के आधार पर ‘‘आसानी से बदलाव नहीं किया जा सकता।’’

पीठ ने यह भी कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के अनुरोध पर विचार करने का निर्देश नीति आयोग तथा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद को नहीं देगर क्योंकि इनके अधिकारी कोविड-19 तथा ब्लैक फंगस से निबटने में व्यस्त हैं।

अदालत ने इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं पर 25,000 रूपये का जुर्माना लगाया और चार हफ्ते के भीतर इसे भरने का निर्देश दिया।

भाषा

मानसी अनूप

अनूप