नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों को सोमवार को एक साथ मिला दिया और इन्हें उत्तर प्रदेश में लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने खेड़ा की अंतरिम जमानत को 10 अप्रैल तक बढ़ा दिया और इस तथ्य पर ध्यान दिया कि कांग्रेस नेता के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
खेड़ा के खिलाफ वाराणसी के छावनी थाने और लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थीं जबकि तीसरी प्राथमिकी असम में दर्ज की गई थी।
उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि तीनों प्राथमिकी को लखनऊ के हजरतगंज थाने में स्थानांतरित कर दिया जाए।
खेड़ा को मामले में नियमित जमानत लेने के लिए लखनऊ में सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश होना होगा। शीर्ष अदालत ने पूर्व में भी खेड़ा की अंतरिम जमानत बढ़ा दी थी।
कांग्रेस प्रवक्ता खेड़ा को 17 फरवरी को मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई उनकी कथित टिप्पणी के संबंध में असम पुलिस ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
भाषा शफीक नरेश