Covid-19 Case Updates: 1 महीने में 135 मौतें.. बीते 24 घंटे में मिले इतने कोरोना के मरीज, जानें देश में अब कैसे हैं कोविड 19 से हालात

Covid-19 Case Updates: 1 महीने में 135 मौतें.. बीते 24 घंटे में मिले इतने कोरोना के मरीज, जानें देश में अब कैसे हैं कोविड 19 से हालात

Covid-19 Case Updates: 1 महीने में 135 मौतें.. बीते 24 घंटे में मिले इतने कोरोना के मरीज, जानें देश में अब कैसे हैं कोविड 19 से हालात

Covid-19 Case Updates| Image Credit: IBC24 File Photo

Modified Date: July 1, 2025 / 10:24 am IST
Published Date: July 1, 2025 10:24 am IST
HIGHLIGHTS
  • देश में एक्टिव केसों की संख्या घटकर 2086 पहुंची
  • जनवरी 2025 से अब तक 142 की मौत
  • एक महीने में लगभग 135 मौतें हुई

Covid-19 Case Updates: नई दिल्ली। मई-जून महीने में भारत सहित कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट ने लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया था। लगातार मामले में बढ़ोतरी हो रही थी, तो वहीं मौत के आंकड़े भी बढञने लगे थे। 22 मई को देश में कोरोना के कुल एक्टिव केस 257 थे, जो 15 जून तक बढ़कर 7400 तक पहुंच गए। हालांकि, जून महीने के दूसरे हफ्ते के बाद संक्रमण की रफ्तार धामी होने लगी। बीते 24 घंटे में 30 नए केस सामने आए, जबकि 252 मरीज ठीक हुए हैं। वहीं, एक्टिव केसों की संख्या घटकर 2086 पहुंच गई है।

READ MORE: Aaj ka Mausam: प्रदेश में आज भी होगी भारी बारिश.. राजधानी समेत 13 जिलों के लिए अलर्ट जारी, जानें आज के मौसम का हाल 

जनवरी 2025 से अब तक 142 की मौत

बता दें कि, 12 जून को देशभर में 7131 एक्टिव केस थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कोरोना के नए वैरिएंट से जनवरी 2025 से अब तक 142 की मौत हुई है। बीते दिन 3 लोगों की मौत हुई है, इनमें दिल्ली के 2 और हरियाणा का 1 मरीज शामिल हैं। वहीं, बीते एक महीने में लगभग 135 मौतें हुई हैं।

 ⁠

READ MORE: IRCTC Ticket Price Hike: रेल यात्रियों को बड़ा झटका.. आज से महंगा हो गया किराया, AC से लेकर स्लीपर क्लास तक देने होंगे इतने रुपये 

भारत में कोरोना के 4 वेरिएंट

Covid-19 Case Updates: मालूम हो की भारत में कोरोना के 4 वेरिएंट पाए गए थे। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि, दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है।


लेखक के बारे में