दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत का मामला : कुलदीप सेंगर की याचिका पर सुनवाई छह मार्च को

दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत का मामला : कुलदीप सेंगर की याचिका पर सुनवाई छह मार्च को

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  • Publish Date - February 18, 2025 / 08:42 PM IST,
    Updated On - February 18, 2025 / 08:42 PM IST

नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित नेता कुलदीप सेंगर की उस याचिका पर सुनवाई छह मार्च तक के लिए टाल दी, जिसमें उसने उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में सुनाई गई 10 साल की जेल की सजा को चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति विकास महाजन ने मंगलवार को मामले की सुनवाई स्थगित करने का केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वकील का अनुरोध स्वीकार कर लिया।

स्थगन के अनुरोध का सेंगर के वकील ने विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह निचली अदालत के फैसले के खिलाफ मुख्य अपील के अलावा सजा के निलंबन के लिए दलीलों पर एक नोट तैयार कर रहे हैं।

सेंगर को उन्नाव दुष्कर्म और उससे जुड़े हिरासत में मौत के मामले में चिकित्सा आधार पर कई बार अंतरिम जमानत मिल चुकी है। उसे नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए 20 दिसंबर 2019 को शेष जीवन के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी।

सेंगर ने 2017 में नाबालिग का कथित तौर पर अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली उसकी याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है।

निचली अदालत ने 13 मार्च 2020 को बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में सेंगर को 10 साल के कठोर कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अदालत ने कहा था कि किसी परिवार के ‘एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति’ की हत्या के लिए ‘कोई उदारता’ नहीं दिखाई जा सकती।

पीड़िता के पिता को सेंगर के कथित आदेश पर शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और पुलिस की बर्बरता के कारण नौ अप्रैल 2018 को हिरासत में उनकी मौत हो गई थी।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश