delete useless mails from your mailbox to secure environment: क्या आपने कभी सोचा है, हमारे मेल पर जंक मेल्स और बिना काम के मेल्स की वजह से भी हमारा पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है? क्या आप जाने हैं एक यूजर के एक ऐसे मेल के कारण वायुमंडल में 0.3 ग्राम कार्बन घुल रही है? क्या आपको पता है आपका एक बिना काम का मेल कइयों लोटा पानी खराब कर रहा है? चौक गए न। लेकिन चौकिए मत, बस पर्यावरण बचाने में सहयोग कीजिए।
दरअसल, दुनियाभर में डिजीटल डाटा ट्रांसफर के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली 41 पाउंड्स नाम की संस्था इन मेल्स को आपके मेलबॉक्स से हटवाने के लिए अभियान चला रही है। इस संस्था के मुताबिक हर बिना काम का मेल पर्यावरण पर भारी पड़ रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में लगभग 2.5 बिलियन मेल यूजर हैं। इन्हें औसतन 10 ऐसे मेल्स मिलते हैं, जिनका इनकी जिदंगी में कोई काम नहीं। एक मेल का औसत साइज 75 केबी का है। अगर यह मेल हमारे मेल बॉक्स में पड़े रहते हैं, तो इन्हें सर्वर में भी रहेंगे। इन्हें सर्वर में सुरिक्षत रखने के लिए लगभग 40 किलोवॉट बिजली प्रतिघंटा लगती है। इनको स्टोर रखने में लगने वाली इस बिजली से लगभग 24 लाख 44 हजार घरों को रौशन किया जा सकता है। जबकि इन्हें सुरक्षित रखने में लाखों गैलन पानी भी लगती है।
अब आप सोच रहे होंगे, एक सर्वर में इतना खर्च कैसे आता है। आइए हम बताते हैं। दरअसल सर्वर को चालू रखने में बिजली लगती है। बिजली बनाने में कोयला लगता है। कई जगह जीवाश्म ईंधन से बिजली संयत्रों को चलाया जाता है। कई जगह पानी से भी बिजली बनाई जाती है। कुल मिलाकर बिजली के टर्बाइन को घुमाने के लिए ऊर्जा लगती है। जबकि डाटा स्टोरिंग में लगे सर्वर्स में ऐसे बिना काम के मेल्स सबसे ज्यादा होते हैं। इन सर्वर्स से अगर इस वेस्टेज डाटा को हटा दिया जाए तो इनके संचालन में बिजली कम लगने लगेगी।
अब आप सोच रहे होंगे, हम क्या करें। तो बहुत सिंपल है। आप ये कीजिए कि पहले तो अधिकतर साइट्स को अनसब्सक्राइब कीजिए, ताकि इनके नोटिफिकेशन आपको न मिलें। फिर हर कहीं अपनी मेल आईडी को शेयर मत कीजिए। क्योंकि डाटा गैदर करके सेल्स कंपनियों को बेचा जाता है। इन सब साविधानियों के बावजूद अगर कोई मेल्स आते रहते हैं तो नियमित रूप से इनकी सफाई करते रहिए।
बस इतना करके आप भी पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। आपको जानना चाहिए कि ऐसा करने से आप दुनिया के 24 लाख 44 हजार घरों में बिजली पहुंचा सकते हैं। लगभग 20 हजार टन कोयला बचा सकते हैं। 60 मिलियन किलोवॉट से ज्यादा बिजली बचा सकते हैं। 2.7 बिलियन बल्ब जला सकते हैं। तो फिर देर किस बात की। हो जाइए शुरू। अपने मेल बॉक्स में अब से वही मेल रहेंगे जो काम के हैं, बाकी सब खल्लास।