दिल्ली सरकार 27 औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट उपचार संयंत्र स्थापित करेगी

दिल्ली सरकार 27 औद्योगिक क्षेत्रों में अपशिष्ट उपचार संयंत्र स्थापित करेगी

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  • Publish Date - June 13, 2025 / 08:39 PM IST,
    Updated On - June 13, 2025 / 08:39 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) दिल्ली सरकार साल के अंत तक शहर के 27 “नवविकसित” क्षेत्रों में अपजल के उपचार के लिए सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सीईटीपी) स्थापित करेगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली यमुना नदी की सफाई के लिए लगातार संघर्ष कर रही है, लेकिन इन असंगठित औद्योगिक क्षेत्रों से नदी में प्रवाहित किए जाने वाले अनुपचारित अपजल के कारण यह काम और भी कठिन हो गया है।

उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ बड़े असंगठित औद्योगिक क्षेत्र आनंद पर्वत, समयपुर बादली, डाबरी, दिलशाद गार्डन, जवाहर नगर और करावल नगर में हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, मौजूदा समय में दिल्ली में 13 सीईटीपी हैं, जो 17 अधिसूचित औद्योगिक क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करते हैं और इनकी कुल क्षमता प्रतिदिन लगभग 20 करोड़ लीटर जल (एमएलडी) उपचारित करने की है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अतीत में कई बार कहा है कि ये असंगठित औद्योगिक क्षेत्र भारी धातुओं को नालों में बहाकर प्रदूषण मानदंडों का घोर उल्लंघन कर रहे हैं, जो नदी में जाकर गिरते हैं।

एक अधिकारी ने कहा, “केंद्र और राज्य के बीच हाल ही में हुई बैठक में इस मुद्दे की पहचान की गई तथा समाधान के रूप में औद्योगिक अपशिष्ट उपचार संयंत्र स्थापित करने का फैसला लिया गया।”

जल कार्यकर्ता वरुण गुलाटी ने कहा कि मौजूदा सीईटीपी, जिनका निर्माण दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) ने लगभग 20 साल पहले किया था, अपशिष्ट उपचार मानकों को पूरा करने में अक्सर विफल रहे हैं।

गुलाटी ने कहा, “नरेला और बवाना में दो सीईटीपी को छोड़कर, लगभग सभी सीईटीपी का प्रबंधन निजी सोसाइटी कर रही हैं। 2012 में यह निर्णय लिया गया था कि इन क्षेत्रों में तीन वर्षों में सीईटीपी स्थापित कर दिए जाएंगे। लगभग 13 साल बीत चुके हैं, लेकिन यह काम अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है।”

अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने अतिक्रमण का पता लगाने के लिए बड़े नालों का ड्रोन सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया है।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश