नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर संदीपा विर्क को धन शेाधन मामले में नियमित जमानत दे दी, जिसमें उस पर एक महिला को फिल्म में भूमिका दिलाने के बहाने उससे लगभग छह करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
विर्क द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि कथित लेन-देन के लगभग एक दशक बाद मामला शुरू किया गया और उन्हें निरंतर कैद में रखना अनुचित होगा।
अदालत ने यह भी कहा कि विर्क चार महीने से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में है और मुख्य आरोपी अमित गुप्ता फरार है, जिसे ‘‘घोषित अपराधी’’ करार दिया गया है।
इसने विर्क को दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानती पेश करने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने सोमवार को दिए आदेश में कहा, ‘‘यह अदालत आवेदक को दो लाख रुपये की राशि के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानती पेश करने पर नियमित जमानत देने के लिए इच्छुक है।’’
अभियोजन पक्ष के अनुसार, शिकायतकर्ता से प्राप्त छह करोड़ रुपये में से 5.43 करोड़ रुपये बैंकिंग स्रोतों के माध्यम से हस्तांतरित किए गए, जिसमें से 1.03 करोड़ रुपये विर्क से जुड़े थे।
आरोप है कि इन पैसों का इस्तेमाल मुंबई में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया गया, जिसे बाद में उपहार विलेख के माध्यम से विर्क को हस्तांतरित कर दिया गया।
बहरहाल, अदालत ने कहा कि मुख्य आरोपी गुप्ता ने शिकायतकर्ता को 2.7 करोड़ रुपये लौटा दिए थे, जिससे कथित रूप से धन शोधन की राशि घटकर 2.8 करोड़ रुपये रह गई।
विर्क को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसी साल अगस्त में गिरफ्तार किया था।
दिल्ली और मुंबई में उसके और उसके सहयोगियों के यहां दो दिन तक चली तलाशी के बाद उसे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया था।
भाषा गोला माधव
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