नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक विमानन संस्थान और 17 अन्य संस्थाओं को धोखाधड़ी के उद्देश्य से ‘अकासा एयर’ के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने से रोक दिया है।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा अकासा एयर की संचालक एसएनवी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रतिवादियों, अलास्का एविएशन एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड और 17 अन्य ने मिलकर कंपनी के ट्रेडमार्क का दुरुपयोग करके नौकरी घोटालों को अंजाम दिया।
मुकदमे में कहा गया है, ‘‘वादी (एसएनवी एविएशन) को कई आम नागरिकों से ईमेल और शिकायतें मिली हैं, जिनमें कहा गया है कि प्रतिवादियों ने फोन कॉल और ईमेल के माध्यम से उनसे संपर्क किया, खुद को वादी कंपनी के एजेंट या कर्मचारी बताकर झूठे रोजगार के अवसर प्रदान करने की पेशकश की। इस दौरान, उक्त प्रतिवादियों ने भर्ती के झूठे बहाने से प्रक्रिया शुल्क के भुगतान की मांग की।’’
इसमें कहा गया कि ऐसे कृत्य नौकरी चाहने वाले भोले-भाले लोगों को धोखा देने के लिए छल-कपट और धोखाधड़ी के बराबर हैं।
अदालत ने 22 दिसंबर के आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया एसएनवी एविएशन के पक्ष में मामला बनता है।
इसने कहा कि यदि संबंधित संस्थाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया तो एयरलाइन को अपूरणीय क्षति होगी, जिसकी भरपाई मौद्रिक रूप से नहीं की जा सकती।
अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 22 मई तक 18 प्रतिवादियों को एसएनवी एविएशन के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने या वादी के व्यवसाय को अपने नाम से प्रस्तुत करने से रोक दिया।
भाषा
नेत्रपाल नरेश
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