नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका की विचारणीयता पर दलीलें 19 अक्टूबर को सुनेगा। निचली अदालत के आदेश के तहत उस याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी शैक्षिक योग्यता को गलत तरीके से पेश किया था।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने मामले को दलीलें सुनने के लिए सूचीबद्ध किया और राज्य को नोटिस जारी किया।
अदालत स्वतंत्र लेखक अहमर खान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निचली अदालत के 18 अक्टूबर 2016 के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत उनकी शिकायत को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि यह ईरानी को ‘अनावश्यक रूप से परेशान करने’ के लिए दायर की गई थी, क्योंकि वह एक केंद्रीय मंत्री हैं।
सुनवाई के दौरान, राज्य के अभियोजक ने इस बात को रेखांकित किया कि याचिकाकर्ता ने सत्र अदालत का रुख नहीं किया और इस पुनरीक्षण याचिका के माध्यम से सीधे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सत्र न्यायालय और उच्च न्यायालय का समवर्ती क्षेत्राधिकार है, इसलिए पुनरीक्षण याचिका सुनवाई योग्य है।
उच्च न्यायालय ने कहा, “राज्य/प्रतिवादी संख्या एक को नोटिस जारी करें। अतिरिक्त लोक अभियोजक मनोज पंत ने राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार किया। 19 अक्टूबर 2023 को विचारणीयता पर बहस के लिए सूचीबद्ध करें।”
भाषा पारुल माधव
माधव