नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान बंद की गई साझा टैक्सी सेवाओं को फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार स्वचालित वाणिज्यिक वाहन फिटनेस परीक्षण केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में बेहतर यात्री सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार जल्द ही परिवहन नेटवर्क कंपनियों के साथ बैठक करेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली में पहले साझा टैक्सी सेवाएं उपलब्ध थीं, जिन्हें कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि अब यात्रियों को किफायती और सुविधाजनक परिवहन विकल्प प्रदान करने के लिए इन सेवाओं को फिर से शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की परिवहन नीति का मुख्य उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी लाना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों को दैनिक यात्रा में किसी तरह की असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि सरकार ‘ओला’ और ‘उबर’ जैसी परिवहन नेटवर्क कंपनियों के साथ लगातार बातचीत कर रही है तथा उनसे साझा टैक्सी सेवा को प्राथमिकता देने, महिला चालकों की भागीदारी बढ़ाने और पर्यावरण के अनुकूल सेवाओं को प्रोत्साहित करने की उम्मीद करती है।
गुप्ता ने कहा कि परिवहन नेटवर्क कंपनियों के साथ आगामी बैठक में साझा टैक्सी सेवाओं को फिर से शुरू करने, महिला चालकों की संख्या बढ़ाने और निजी इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्सी सेवाओं में एकीकृत करने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के उपायों पर गंभीरता से विचार कर रही है कि कम वाहनों के जरिये अधिक संख्या में यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और किफायती यात्रा की सुविधा प्रदान की जा सके, जिससे सड़क पर गाड़ियों की संख्या और प्रदूषण का स्तर घट सके।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, यह नीति न केवल वर्तमान यातायात चुनौतियों का समाधान है, बल्कि दिल्ली के लिए दीर्घकालिक, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन मॉडल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
भाषा जितेंद्र पारुल
पारुल