दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति को चुनौती बदले की भावना से, यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है्: अस्थाना ने अदालत से कहा

दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति को चुनौती बदले की भावना से, यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है्: अस्थाना ने अदालत से कहा

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  • Publish Date - September 17, 2021 / 01:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के गुजरात काडर के अधिकारी राकेश अस्थाना ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा है कि सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है और दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति को चुनौती कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है तथा इसके पीछे बदले की भावना है।

अपनी नियुक्ति के खिलाफ एक जनहित याचिका पर दायर अपने हलफनामे में अस्थाना ने कहा कि जब से उन्हें सीबीआई का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया है, तब से कुछ संगठन उन्हें निशाना बनाकर उनके खिलाफ याचिका दायर कर रहे हैं।

हलफनामे में कहा गया, ‘‘कॉमन कॉज और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नाम के दो संगठन हैं जो पेशेवर जनहित याचिकाकर्ता हैं और सार्वजनिक सेवा के एकमात्र तरीके के रूप में मुकदमे दायर करने के लिए आस्तित्व में हैं। एक या दो व्यक्ति इन संगठनों पर गहरे और व्यापक नियंत्रण का आनंद लेते हुए दोनों संगठन चलाते हैं।’’

इसमें अस्थाना ने आगे कहा, ‘‘कुछ परोक्ष और प्रत्यक्ष अज्ञात कारणों से उन्हें (संगठनों को) चलाने वाले व्यक्तियों ने हाल के दिनों में प्रतिशोध या किसी व्यक्ति के इशारे पर मेरे खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई शुरू कर दी है।’’

यह हलफनामा, अधिवक्ता सादरे आलम की जनहित याचिका के जवाब में दाखिल किया गया। याचिका में मांग की गई है कि अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने का गृह मंत्रालय का 27 जुलाई का आदेश रद्द किया जाए। इसके अलावा, 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले उन्हें अंतर-काडर प्रतिनियुक्ति देने के साथ-साथ सेवा विस्तार देने का आदेश भी रद्द किया जाए।

अस्थाना ने कहा कि उनकी नियुक्ति के गुण-दोष के बारे में केवल केंद्र सरकार ही विचार कर सकती है।

केंद्र ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था से जुड़ी विविध चुनौतियों के मद्देनजर अस्थाना की नियुक्ति जनहित में की गई है। केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अस्थाना की नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है और उनकी नियुक्ति सभी नियम-कायदों को ध्यान में रखकर की गई है।

भाषा मानसी अनूप

अनूप