नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने सार्वजनिक संपत्ति के विरूपण को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत नामांकन-पत्र दाखिल करने के दौरान एक लाख रुपये का बॉण्ड भरना होगा।
डीयू के कुलसचिव विकास गुप्ता द्वारा जारी यह दिशानिर्देश छात्रों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय के विभागों से इसका सख्ती से पालन करने का आह्वान करता है। यह विभिन्न कानूनी प्रावधानों, अदालती आदेशों और लिंगदोह समिति की सिफारिशों पर आधारित है।
विश्वविद्यालय ने विरूपण को रोकने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करते समय एक लाख रुपये का बॉण्ड जमा करना अनिवार्य कर दिया है। इसमें कहा गया है कि यदि उम्मीदवार या उनके समर्थक विरूपण मानदंडों का उल्लंघन करते पाये जाते हैं, तो यह राशि जब्त कर ली जाएगी।
छात्रों को शुरू से ही सचेत करने के लिए, विश्वविद्यालय ने दाखिले के समय रैगिंग-रोधी हलफनामे की तरह ही एक ‘‘विरूपण-रोधी हलफनामा’’ सौंपे जाने का प्रस्ताव किया था।
दिशानिर्देश के अनुसार, कॉलेजों और विभागों को छात्र संघ चुनाव के समय छात्रों को परिसर में शिष्टाचार बनाए रखने को प्रोत्साहित करने के वास्ते जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि कॉलेजों को छात्र संघ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए बहस के आयोजन को बढ़ावा देना चाहिए, जिन्हें संबंधित वेबसाइटों पर अपलोड किया जा सकता है।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि कॉलेजों को चुनाव संबंधी सामग्री लगाने के लिए निर्धारित दो स्थानों पर दीवारों का आकार बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।
इसमें कहा गया है कि इन निर्दिष्ट क्षेत्रों के बाहर पोस्टर लगाने, दीवारों पर नारे लिखने, रैलियां करने, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल और रोड शो पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भाषा सुभाष सुरेश
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