दिव्यांग युवक ने इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज करवाया

दिव्यांग युवक ने इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज करवाया

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  • Publish Date - February 17, 2021 / 10:56 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:45 PM IST

जयपुर, 17 फरवरी (भाषा) विलक्षण और घातक बीमारी से पीड़ित जयपुर के एक दिव्यांग युवक ने शतरंज के क्षेत्र में सात आविष्कार और तीन पेटेंट अपने नाम कर इंटरनेशनल बुक आफ रिकार्ड और इंडिया रिकार्ड में नाम दर्ज करवाने की उपलब्धि हासिल की है।

‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति’ पुरस्कार से सम्मानित हृदयेश्वर सिंह भाटी (18) को गत वर्ष भारत सरकार द्वारा उत्कृष्ट रचनात्मक बाल श्रेणी के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

हाल ही में इंटरनेरशल बुक आफ रिकार्डस और इंडिया बुक आफ रिकार्डस ने उनकी उपलब्धियों को मान्यता दी है।

व्हील चेयर के माध्यम से चलने वाले भाटी ने बताया, ‘‘मैं ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग से प्रेरित रहा हूं। मुझे दो से अधिक लोगों के लिये शतरंज संस्करण विकसित करने का विचार आया उस समय आया जब मैं अपने दोस्त के साथ शतरंज खेल रहा था और मेरे पिता भी हमारे साथ खेलना चाहते थे। मैंने इस पर काम किया और एक परिपत्र शतरंज संस्करण विकसित किया।’’

उन्होंने शुरू में 2013 में एक छह खिलाड़ी परिपत्र शतरंज का आविष्कार किया और इसके लिये एक पेटेंट प्राप्त किया। बाद में उन्होंने 12 और 60 खिलाड़ियो का शतरंज परिपत्र विकसित किया और उनके लिये पेटेंट प्राप्त किया।

भाटी ने दो वाहनों और 16 बाई 16 सुडोकू में पावर वाहन की पहुंच के लिये रैंप संशोधन में भी योगदान दिया है।

भाषा संदीप कुंज अर्पणा

अर्पणा