Publish Date - February 3, 2025 / 03:16 PM IST,
Updated On - February 3, 2025 / 03:16 PM IST
New Income Tax Bill | Source : IBC24 File Photo
नई दिल्ली। Budget Session 2025 : सहकारी समितियों में प्रबंधकीय, पर्यवेक्षी, प्रशासनिक, तकनीकी, परिचालन में योग्यता प्राप्त कुशल श्रम शक्ति के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रावधान वाला एक विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल सिंह गुर्जर ने सदन में ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ पेश किया।
इसके तहत गुजरात के आणंद में ग्रामीण प्रबंधन संस्थान को त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी के रूप में विश्वविद्यालय की स्थापना करने और उसे राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित करने का प्रावधान है। विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि पिछले साढ़े तीन साल में सहकारिता मंत्रालय द्वारा सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई नई पहल की गई हैं।
इसमें कहा गया है कि सहकारी क्षेत्र में वर्तमान शिक्षा और प्रशिक्षण का बुनियादी ढांचा बिखरा हुआ है और सहकारी समितियों में योग्यता प्राप्त श्रम शक्ति की वर्तमान और भविष्य की मांग और मौजूदा कर्मियों की क्षमता निर्माण को पूरा करने के लिए बेहद अपर्याप्त है। विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि इसलिए इस संबंध में एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करके शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए एक व्यापक, एकीकृत और मानकीकृत संरचना की जरूरत है।
‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ क्या है?
यह एक विधेयक है जिसके तहत गुजरात के आणंद में ग्रामीण प्रबंधन संस्थान को त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने और उसे राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित करने का प्रस्ताव है।
विधेयक का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य सहकारी समितियों में योग्यता प्राप्त श्रम शक्ति के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करना है, क्योंकि वर्तमान शिक्षा और प्रशिक्षण का ढांचा अपर्याप्त है।
सहकारी क्षेत्र में सुधार के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
सहकारिता मंत्रालय ने पिछले साढ़े तीन साल में सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई नई पहल की हैं, जिनमें त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव शामिल है।
यह विश्वविद्यालय कहाँ स्थापित किया जाएगा?
यह विश्वविद्यालय गुजरात के आणंद में स्थित ग्रामीण प्रबंधन संस्थान में स्थापित किया जाएगा।
यह विश्वविद्यालय किसे राष्ट्रीय महत्व की संस्था के रूप में घोषित किया जाएगा?
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व की संस्था के रूप में घोषित किया जाएगा, जो सहकारी क्षेत्र की शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करेगा।