दीव: कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, 15 साल बाद गंवाई सत्ता, आधे से ज्यादा नेताओं ने थामा भाजपा का दामन

कांग्रेस पार्टी की मुसीबत हर रोज बढ़ते जा रही है, नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस लगातार कमजोर होते जा रही है। इसी बीच कांग्रेस को एक और बड़ा

  •  
  • Publish Date - May 9, 2022 / 05:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

दीव। कांग्रेस पार्टी की मुसीबत हर रोज बढ़ते जा रही है, नेताओं के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस लगातार कमजोर होते जा रही है। इसी बीच कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल दीव नगर परिषद के आधे से ज्यादा नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इतना ही नहीं पार्षदों के समर्थकों ने भी भाजपा का दामन थामने का फैसला किया है।

यह भी पढ़े : आ​र्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के प्रधानमंत्री महेंद्रा राजपक्षे ने दिया इस्तीफा, आज से पूरे देश में कर्फ्यू

15 साल से सत्ता में थी कांग्रेस

यह पूरा मामला दीव नगर परिषद का है, जहां 15 साल से राज कर रही कांग्रेस पार्टी के 9 में से 7 पार्षदों ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थाम लिया। इस दल बदल के बाद निकाय में कांग्रेस की सीटों की संख्या केवल दो रह गई है। वहीं, भाजपा 10 पार्षदों के साथ बहुमत में आ गई है।

यह भी पढ़े : कमजोर वैश्विक रुख के चलते शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, 365 अंक और टूटा सेंसेक्स, जानें दिग्गज शेयरों का हाल 

जनसभा में पार्षदों ने थामा भाजपा का दामन

दरअसल दीव के घोघला में भाजपा द्वारा जनसभा का आयोजन किया गया था। इस जनसभा में हरीश कपाड़िया, दिनेश कपाड़िया, रविंद्र सोलंकी, रंजन राजू वनकर, भाग्यवंती सोलंकी, भावनाग दुधमल और निकिता शाह ने भाजपा का दामन थामा। इस दौरान जनसभा में उपस्थित दादरा और नगर हवेली और दमन दीव के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विजय राहटकर ने सभी पार्षदों का पार्टी प्रवेश करवाया और उनका स्वागत किया।

यह भी पढ़े : चिरमिरी: SECL की बंद खदानें शुरू होने से पहले गरमाई राजनीति, अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं भाजपा-कांग्रेस नेता

अध्यक्ष हरीश सोलंकी को 6 महीने पहले किया था निलंबित

बता दें कि कांग्रेस शासित दीव नगर परिषद के अध्यक्ष हरीश सोलंकी को दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासन ने 6 महीने पहले निलंबित कर दिया था। सोलंकी को अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद यूटी में नागरिक निकाय के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया था। साथ ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए भी अब तक चुनाव नहीं हुए हैं। वहीं, विजय राहटकर ने कहा कि पार्षदों ने भाजपा की ‘विकास की राजनीति’ को समर्थन देने के लिए भाजपा का दामन थामा है।

यह भी पढ़े : कमजोर वैश्विक रुख के चलते शेयर बाजार में बड़ी गिरावट, 365 अंक और टूटा सेंसेक्स, जानें दिग्गज शेयरों का हाल

कांग्रेस के पास बहुमत नहीं

सात पार्षदों के पार्टी छोड़ने से दीव नगर परिषद में कांग्रेस ने बहुतमत खो दिया है। साल 2007 में पार्टी ने यहां चुनाव जीता और 2012, 2017 सफलता दोहराई। 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 10, तो भाजपा ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी। सात पार्षदों के पार्टी छोड़ने के बाद हितेश सोलंकी और उनके भाई जीतेंद्र सोलंकी ही कांग्रेस पार्षद के रूप में बचे हैं। बीते साल नवंबर में नगर परिषद दीव के उपाध्यक्ष मनसुख पटेल का निधन हो गया था।