आर्थिक स्थिति चर्चा तीन रास

आर्थिक स्थिति चर्चा तीन रास

  •  
  • Publish Date - December 5, 2023 / 04:41 PM IST,
    Updated On - December 5, 2023 / 04:41 PM IST

राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने दावा किया कि सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और उसे किसी भी समस्या की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है, अब तो किसानों के साथ-साथ छात्रों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं और कहीं न कहीं इसके पीछे अनिश्चित भविष्य की चिंता एक कारण है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं है जितनी दिखाई दे रही है या दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

माकपा के इलामारम करीम ने कहा कि ‘‘अमीर भारत’’ और ‘‘गरीब भारत’’ के बीच असमानता बढ़ रही है लेकिन सच से अलग हटते हुए देश की अर्थव्यवस्था की लोक-लुभावन तस्वीर पेश की जाती है। उन्होंने कहा कि रोजगार में कमी आना और बेरोजगारी बढ़ना चिंताजनक है।

जद (यू) के अनिल प्रसाद हेगड़े ने कहा कि चीन में श्रम कानून, मानवाधिकारों के उल्लंघन ने वहां के बाजारों को भारत का रुख करने के लिए मजबूर किया और हमारे कामगारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

उन्होंने जाति जनगणना कराने की मांग पर जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने पर समुचित नीतियां बनाने में मदद मिलेगी और जरूरतमंदों को वास्तव में लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बिहार को ‘विशेष राज्य’ का दर्जा दिए जाने की मांग भी की।

आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने कहा कि अर्थव्यवस्था बेहतर होने के बड़े-बड़े दावों के बीच, गरीबों, किसानों और वंचित वर्गों की हालत में सुधार न हो पाने के कारणों का विश्लेषण हमें करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि वास्तविक समस्याएं कहां हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है।’’

भारतीय जनता पार्टी के सुशील मोदी ने कहा ‘‘अगर विकास का असर दिखाई नहीं देता तो तीन राज्यों में विधानसभा चुनावों में जनादेश भाजपा के पक्ष में कैसे गया? हमें यह भी देखना चाहिए कि देश में दूसरी तिमाही में भारतीय रिजर्व बैंक ने 6.2 प्रतिशत की वृद्धि होने की बात कही थी लेकिन वास्तव में वृद्धि 7.6 प्रतिशत की हुई। यह विकास का नतीजा है।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में महंगाई के विरोध में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए लेकिन भारत में ऐसा नहीं हुआ क्योंकि ‘‘हमारे यहां महंगाई है और लोगों को महंगाई के कारणों की भी जानकारी है।’’

सुशील मोदी ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थ, खाद्य तेल, उर्वरक, दाल आदि महंगाई के मुख्य कारण हैं और हम इनका आयात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दो साल में पेट्रोल व डीजल के दाम नहीं बढ़े लेकिन विपक्ष शासित राज्यों में पेट्रोल की कीमत भाजपा शासित राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है।’’

जारी भाषा मनीषा अविनाश

अविनाश