लोकसभा में शिक्षा मंत्री का द्रमुक पर तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद करने का आरोप,

लोकसभा में शिक्षा मंत्री का द्रमुक पर तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद करने का आरोप,

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  • Publish Date - March 10, 2025 / 12:10 PM IST,
    Updated On - March 10, 2025 / 12:10 PM IST

नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर द्रमुक सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी दल पर तमिलनाडु के छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने का आरोप लगाया।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही सोमवार को शुरू हुई और लोकसभा में प्रश्नकाल का सामान्य तरीके से आरंभ हुआ, लेकिन पीएमश्री योजना को लेकर द्रमुक सांसद टी सुमति के पूरक प्रश्न पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के जवाब के बाद द्रमुक सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

सुमति ने पीएमश्री योजना के तहत आरोप लगाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को स्वीकार नहीं करने के कारण तमिलनाडु को पीएमश्री योजना के तहत आवंटित किए जाने वाले 2,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय राशि अन्य राज्यों को हस्तांतरित कर दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं (शिक्षा) मंत्री से पूछना चाहती हूं कि क्या स्कूली छात्रों की शिक्षा के लिए चिह्नित धन को राज्य के खिलाफ बदला लेने के औजार के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए?’’

सुमति ने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहती हूं कि क्या वह संसद को आश्वासन देगी कि कानून के तहत जिस नीति को लागू नहीं किया जा सकता, उसे स्वीकार नहीं करने के लिए किसी भी राज्य को धन की कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा?’’

पूरक प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘एक समय था जब तमिलनाडु सरकार केंद्र सरकार के साथ (एनईपी पर) एमओयू पर हस्ताक्षर करने को तैयार थी। तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के साथ कुछ सदस्य हमारे पास आए थे और उन्होंने सहमति व्यक्त की थी।’’

उन्होंने कहा कि कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे गैर-भाजपा शासित राज्य भी पीएमश्री योजना को स्वीकार कर रहे हैं।

प्रधान ने कहा, ‘‘हम तमिलनाडु को वित्तीय आवंटन कर रहे हैं, लेकिन वे प्रतिबद्ध नहीं हैं। वे (द्रमुक) तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। वे जानबूझकर राजनीति कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। वे छात्रों के साथ अन्याय कर रहे हैं और अलोकतांत्रिक तथा असभ्य तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।’’

उन्होंने द्रमुक पर तमिलनाडु के छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार सबके लिए काम कर रही है।

प्रधान ने कहा, ‘‘मेरी जानकारी है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एनईपी को स्वीकार करना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें रोक रहे हैं जो भविष्य में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री (स्टालिन) छात्रों के प्रति ईमानदार नहीं हैं।’’

पीएमश्री योजना के तहत एनईपी 2020 के सिद्धांतों के अनुरूप देश में आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाने हैं।

मंत्री के जवाब के बीच ही द्रमुक के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों के हंगामे के बीच कुछ मिनट तक प्रश्नकाल संचालित किया।

उन्होंने द्रमुक के सदस्यों से कहा, ‘‘आपके सदस्य को प्रश्न पूछने का मौका दिया गया। आप मंत्री का जवाब सुनें। लेकिन यह तरीका ठीक नहीं है। यह गलत परंपरा है। संसद की मर्यादा का उल्लंघन नहीं करें और कृपया अपनी सीटों पर बैठ जाएं।’’

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। आप लोग अपनी सीटों पर जाएं और सदन को चलने दें। सदन आपका है और अच्छे उत्साह एवं उमंग के साथ आज की कार्यवाही शुरू हुई है।’’

हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने करीब आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।

भाषा

वैभव माधव

माधव