Eid-ul-Adha 2025: ईद-उल-अजहा के लिए 12 सूत्रीय सलाह जारी.. बलि की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं करने की सलाह
ईद अल-अज़हा साल का दूसरा इस्लामी त्यौहार है और ईद अल-फ़ित्र के बाद आता है। यह उपवास के पवित्र महीने रमज़ान के अंत का प्रतीक है। इसकी तिथि हर साल बदलती है, क्योंकि यह इस्लामी चंद्र कैलेंडर पर आधारित है, जो पश्चिमी 365-दिन वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 11 दिन छोटा है।
Eid-ul-Adha 2025 Latest News and Updates || Image- ANI News File
- ईद-उल-अजहा पर इमाम ने 12-सूत्रीय सलाह देकर स्वच्छता और सम्मान का संदेश दिया।
- कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने से बचने की अपील की गई।
- बलिदान का पर्व गरीबों की मदद और सैनिकों के लिए प्रार्थना के भाव से मनाएं।
Eid-ul-Adha 2025 Latest News and Updates: नई दिल्ली: देशभर में मुसलमान समुदाय ईद-उल-अजहा का पर्व जोरशोर से मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस मौके पर ईदगाह इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सोमवार को पर्व को लेकर 12-सूत्रीय सलाह जारी किया है, ताकि पर्व के दौरान स्वच्छता, सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।
स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान
एएनआई से बात करते हुए महली ने कहा कि, “ईद-उल-अजहा के लिए 12 सूत्री सलाह जारी की गई है, जिसमें मुसलमानों को सलाह दी गई है कि कुर्बानी की रस्म निभाते समय कृपया स्वच्छता और सफाई बनाए रखें। यह रस्म निर्धारित स्थानों पर की जानी चाहिए, न कि सड़क किनारे या गलियों में।” इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इस बात पर भी जोर दिया कि बलि दिए गए पशु का खून नालियों में नहीं बहाया जाना चाहिए, बल्कि कच्ची मिट्टी में दबा दिया जाना चाहिए ताकि यह पौधों के लिए उर्वरक का काम करे।
सोशल मीडिया पर न करे तस्वीरें अपलोड
ईदगाह इमाम महली ने कहा, “बलिदान की रस्म का कोई वीडियो या फोटो नहीं लिया जाना चाहिए और न ही सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाना चाहिए। कुर्बानी के जानवर का एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों में बांटें साथ ही अपने परिवार और सीमा पर हमारे देश की रक्षा कर रहे सैनिकों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें।”
कब मनाया जाता है ईद-उल-अज़हा?
Eid-ul-Adha 2025 Latest News and Updates: बता दें कि, ईद-उल-अज़हा का पवित्र त्यौहार, जिसे ‘बलिदान का त्यौहार’ या बड़ी ईद के नाम से भी जाना जाता है, इस्लामी या चंद्र कैलेंडर के 12वें महीने धु अल-हिज्जा के 10वें दिन मनाया जाता है।
रमज़ान के अंत का प्रतीक ईद अल-अज़हा
ईद अल-अज़हा साल का दूसरा इस्लामी त्यौहार है और ईद अल-फ़ित्र के बाद आता है। यह उपवास के पवित्र महीने रमज़ान के अंत का प्रतीक है। इसकी तिथि हर साल बदलती है, क्योंकि यह इस्लामी चंद्र कैलेंडर पर आधारित है, जो पश्चिमी 365-दिन वाले ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग 11 दिन छोटा है। इसे पैगंबर अब्राहम की ईश्वर के लिए सब कुछ बलिदान करने की इच्छा के स्मरण के रूप में मनाया जाता है।

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