बुजर्ग, अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग पहनें मास्क: कोविड के मामले बढ़ने के बीच विशेषज्ञों की सलाह

बुजर्ग, अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग पहनें मास्क: कोविड के मामले बढ़ने के बीच विशेषज्ञों की सलाह

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  • Publish Date - December 29, 2023 / 08:04 PM IST,
    Updated On - December 29, 2023 / 08:04 PM IST

नयी दिल्ली, 29 दिसंबर (भाषा) दिल्ली में जहां कोरोना वायरस के नए उप-स्वरूप ‘जेएन.1’ के डर के बीच लोग नए साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं विशेषज्ञों ने बुजुर्गों तथा अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी है। हालांकि, उनका कहना है कि अभी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में कोविड के 45 उपचाराधीन मामले हैं। अब तक, राष्ट्रीय राजधानी में ‘जेएन.1’ उप-स्वरूप का एक मामला सामने आया है।

होली फैमिली अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुमित रे ने कहा, ‘‘हम इन्फ्लुएंजा के अधिक मामले और एच1एन1 के मरीज देख रहे हैं जिनमें फेफड़ों की गंभीर समस्या है। हमने अपने अस्पताल में जो कोविड मामले देखे हैं, उनमें आकस्मिक रूप से संक्रमण का पता चला है।’’

उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के साथ भर्ती कराया गया , उनमें मुख्य रूप से फेफड़ों या गुर्दे की पुरानी बीमारी दिखी।’

डॉ. रे ने कहा कि अस्पताल में दिसंबर में कोविड के 11 मरीज भर्ती हुए लेकिन ऐसे किसी मरीज की मौत नहीं हुई।

यह उल्लेख करते हुए कि फिलहाल किसी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय की आवश्यकता नहीं है, डॉ. रे ने कहा, ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों की भूमिका संक्रमण पर नज़र रखना और निगरानी बनाए रखना है।’

उन्होंने कहा कि युवा और स्वस्थ लोग उत्सव का आनंद लें, लेकिन संवेदनशील आबादी को सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए।

सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के निदेशक एवं प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि ‘जेएन.1’ ओमीक्रॉन का उप-स्वरूप है।

उन्होंने कहा, ‘‘चिंता की कोई बात नहीं है। अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों में, कोई भी संक्रमण मौजूदा समस्याओं को बढ़ाने वाला एक कारक होता है। जिन लोगों को पहले से बीमारियां हैं, उन्हें घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना चाहिए। लेकिन स्वस्थ लोगों के लिए, मैं इसकी सलाह नहीं दूँगा।’’

लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘यह (जेएन.1) ओमीक्रॉन का एक उप-स्वरूप है। लक्षण हल्के होते हैं और शायद ही कभी लोगों को गंभीर संक्रमण होता है। हालांकि, जिन लोगों को मधुमेह है, यकृत से संबंधित बीमारी है या जो लोग डायलिसिस पर हैं, उन्हें लक्षण दिखने पर जांच करानी चाहिए।”

उन्होंने कहा, ‘अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो आपको भीड़-भाड़ वाली जगहों या अस्पतालों में जाते समय मास्क पहनना चाहिए। फलों सहित संतुलित आहार का विकल्प चुनें।’

भाषा नेत्रपाल माधव

माधव