प्रख्यात बांग्ला लेखक प्रफुल्ल रॉय का 91 वर्ष की आयु में निधन

प्रख्यात बांग्ला लेखक प्रफुल्ल रॉय का 91 वर्ष की आयु में निधन

  •  
  • Publish Date - June 19, 2025 / 09:04 PM IST,
    Updated On - June 19, 2025 / 09:04 PM IST

कोलकाता, 19 जून (भाषा) प्रख्यात बांग्ला लेखक और साहित्य अकादमी पुरस्कार से प्रफुल्ल रॉय का बृहस्पतिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

वह 91 वर्ष के थे।

परिवार के एक करीबी सदस्य ने बताया कि रॉय का निधन शहर के एक निजी अस्पताल में अपराह्न करीब तीन बजे हुआ।

रॉय विधुर थे और उनकी दो बेटियां हैं।

रॉय लंबे समय से उम्र से जुड़ी कई समस्याओं से जूझ रहे थे।

सूत्रों ने बताया कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ के कारण मार्च से ही शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी हालत गंभीर हो गई थी।

वर्ष 1934 में बंगाल प्रेसीडेंसी के बिक्रमपुर में जन्मे रॉय 1950 के दशक में कोलकाता में स्थानांतरित हो गए थे।

बंगाल प्रेसीडेंसी अब बांग्लादेश में मुंशीगंज के नाम से जानी जाती है।

रॉय के यादगार कार्यों में ‘केया पातर नौको’, ‘सातोधारे बोये जय’, ‘क्रांतिकारी’ आदि शामिल हैं।

‘एखाने पिंजर’, ‘बागबोंदी खेला’, ‘मोहनार डाइक’, ‘मोंडो मेयर उपाक्षण’, ‘बाग बहादुर’, ‘चराचर’, ‘आदमी और औरत’ जैसी फिल्मों को उनकी किताबों के आधार पर लिखा गया था।

वर्ष 1985 में ‘आकाशेर नीचे मानुष’ के लिए रॉय को बंकिम पुरस्कार मिला जबकि ‘क्रांतिकाल’ के लिए उन्हें 2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

‘डे पब्लिशिंग’ के अपू डे ने कहा, “यह बंगाल और देश के साहित्यिक जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वह पांच दशकों से अधिक समय तक ‘डे पब्लिशिंग’ से जुड़े रहे और हमने 70 के दशक की शुरुआत में उनके उपन्यास ‘अलॉय फेरा’ को प्रकाशित किया था। हमने उनके कई पुरस्कृत और लोकप्रिय उपन्यास प्रकाशित किए थे।”

भाषा जितेंद्र माधव

माधव