तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री बोले- ‘पानी-पुरी बेचते हैं हिंदी बोलने वाले…कहीं ज्यादा मूल्यवान भाषा है अंग्रेजी’

'पानी-पुरी बेचते हैं हिंदी बोलने वाले...कहीं ज्यादा मूल्यवान भाषा है अंग्रेजी'!English is Valuable Language More than Hindi says Dr K ponmudy

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  • Publish Date - May 13, 2022 / 05:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

कोयंबटूर: English is Valuable Language More than Hindi हिंदी और तमिल भाषा को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। ये मुद्दा लगातार गरमाते जा रहा है। सिने कलाकारों के बाद अब इस मुद्दे में नेताओं की एंट्री हो गई है। दरअसल तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के पोनमुडी ने हिंदी भाषा बोलने वालों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है, जिसके लेकर सियासी गलियारों में बवाल मच सकता है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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हिंदी बोलने वाले बेचते हैं पानी पुरी

English is Valuable Language More than Hindi मिली जानकारी के अनुसार डॉ. के पोनमुडी शुक्रवार को कोयंबटूर स्थित भरतियार यूनिवर्सिटी के कनवोकेशन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कनवोकेशन में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाषा के तौर पर हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी महत्वपूर्ण है। उन्होंने दावा किया कि हिंदी बोलने वाले लोग दोयम दर्जे की नौकरी करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिंदी बोलने वाले यहां कोयंबटूर में पानी-पुरी बेचते हैं।

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हिंदी वैकल्पिक विषय होना चाहिए

राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा, तमिल छात्र भाषाएं सीखना चाहते हैं, हिंदी उनके लिए वैकल्पिक विषय होना चाहिए न कि अनिवार्य। छात्रों को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अच्छी बातों को लागू किया जाएगा। लेकिन उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार दो भाषा प्रणाली लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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तमिल छात्र कोई भी भाषा सीखने को तैयार

कनवोकेशन के मंच पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवी भी मौजूद थे। डॉ. के पोनमुडी ने प्रश्न उठाया कि अगर एक अंतरराष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी सिखाई जा रही है तो कोई हिंदी क्यों सीखना चाहेगा? उन्होंने दावा किया कि भारत में तमिलनाडु शिक्षा प्रणाली के मामले में सबसे आगे है। उन्होंने कहा, तमिल छात्र कोई भी भाषा सीखने को तैयार हैं। हालांकि, हिंदी एक वैकल्पिक विषय होना चाहिए, अनिवार्य नहीं।

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हिंदी से कहीं ज्यादा मूल्यवान भाषा है अंग्रेजी

उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, हिंदी से कही ज्यादा मूल्यवान भाषा अंग्रेजी है। उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषी लोग छोटी-मोटी दोयम दर्जे की नौकरी करते हैं। डॉ. के पोनमुडी ने कहा, ‘वह कहते हैं, अगर आप हिंदी पढ़ेंगे तो आपको नौकरी मिलेगी? क्या सच में ऐसा है! कोयंबटूर में देखें, आजकल पानी-पूरी कौन बेच रहा है? एक समय ऐसा था। अब अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है।’

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