नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की आबकारी नीति 2021-22 ‘‘सर्वश्रेष्ठ’’ थी और यदि पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल से आखिरी क्षणों में उनका फैसला नहीं बदलवाया गया होता तो हर साल 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को सिसोदिया और पूर्व आबकारी आयुक्त ए. गोपीकृष्ण के आवासों सहित 31 स्थानों पर तलाशी थी। इससे पहले, केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में लाई गई आबकारी नीति को तैयार करने एवं उसके क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
आम आदमी पार्टी (आप) ने छापेमारी की इस कार्रवाई की निंदा की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि जांच एजेंसी को उसके नेताओं को प्रताड़ित करने के लिए ऊपर से आदेश मिले हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘आप’ सरकार को अपनी आबकारी नीति पर पाक-साफ होने को कहा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिस आबकारी नीति के आधार पर मेरे आवास पर छापे मारे गये, वह देश में सर्वश्रेष्ठ थी।’’
सिसोदिया ने कहा,‘‘अगर इन्होंने आबकारी नीति के लागू होने के ठीक 48 घंटे पहले उपराज्यपाल से उनका निर्णय नहीं बदलवाया होता, तो इससे हर साल दिल्ली सरकार को 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता।’’
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सुभाष देवेंद्र
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