16 बार नहीं बचा पाए जमानत, 17वीं बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगे फक्कड़ बाबा, जानिए कौन हैं ये…

16 बार नहीं बचा पाए जमानत, 17वीं बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाएंगे फक्कड़ बाबा, जानिए कौन हैं ये...

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  • Publish Date - April 13, 2019 / 05:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नई दिल्ली: 16 बार अपनी जमानत नहीं बचा पाने के बाद मथुरा के फक्कड़ बाबा 17वीं बार चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि फक्कड़ बाबा साल 1976 से लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ते आए हैं। बाबा आठ बार विधानसभा और आठ बार ही लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 16 बार मिली हार के बावजूद बाबा का हौसला कम नहीं हुआ है और वे कहते हैं कि एक न एक दिन जीत का ताज जरूर बाबा के सिर बंधेगा।

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>Mathura: 76-year-old Fakkad Baba is contesting elections for 17th time even after losing his deposit 16 times. Till now he has contested 8 assembly &amp; 8 Lok Sabha polls. He says, &quot;I&#39;m following my guru&#39;s order; he told me that I&#39;ll succeed in my 20th time&quot;. <a href=”https://twitter.com/hashtag/LokSabhaElections2019?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#LokSabhaElections2019</a> <a href=”https://t.co/kalleww9y9″>pic.twitter.com/kalleww9y9</a></p>&mdash; ANI UP (@ANINewsUP) <a href=”https://twitter.com/ANINewsUP/status/1117107416124932097?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 13, 2019</a></blockquote>
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फक्कड़ बाबा ने बताया कि उन्हें अपने गुरु के उस वचन पर आज भी उतना ही ऐतबार है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 20वीं बार चुनाव में जीत का ताज जरूर बाबा के सिर बंधेगा। भक्त और समर्थकों ने इस बार चुनाव के लिए पैसे दिए हैं। 25 हजार रुपये जमा हो चुके हैं और मैं लोकसभा चुनाव जरूर लड़ूंगा।

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बता दें कि फक्कड़ बाबा की तरह एक जोगेंदर सिंह उर्फ धरती पकड़ भी थे। 1962 से 1998 तक वह 25 बार चुनाव हारे। 1998 में उनकी मौत हो गई। जोगिंदर सिंह हारने पर लोगों को सूखे मेवे और मिश्री खिलाकर उनका मुंह मीठा करते थे। कहा जाता है कि 36 सालों में उन्होंने 300 से ज्यादा चुनावों में अपना नामांकन दाखिल किया जिनमें से कुछ में उनका पर्चा खारिज हो गया और बाकियों में वे हार गए।

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