Father used to rape minor daughter after wife's death

पत्नी की मौत के नाबालिग बेटी से हवस पूरी करता था पिता, अब जेल में गुजरेगी पूरी उम्र

पत्नी की मौत के नाबालिग बेटी से हवस पूरी करता था पिताः Father used to rape minor daughter after wife's death

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : July 5, 2022/10:41 pm IST

वैशाली : बाप और बेटी के रिश्ते तो बेहद पवित्र माना जाता है। लेकिन बिहार के वैशाली से इस रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कलयुगी पिता ने अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बना लिया। दरअसल, शख्‍स की पत्‍नी की जवानी में ही मौत हो गई। जिसके बाद शख्स अपनी बेटी को ही हवस का शिकार बना लिया। ह ऐसा आगे भी करते रहता, लेकिन खुद उसकी मां यानी बच्‍ची की दादी ने उसकी हरकत को देख लिया। वैशाली के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (षष्टम) सह पाक्सो के विशेष न्यायाधीश जीवन लाल ने तीन वर्ष पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में पिता को उम्रकैद तथा 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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बता दें कि जंदाहा थाना क्षेत्र के एक गांव में 11 वर्षीया बच्ची मां के निधन के बाद पिता के साथ रहती थी। दो अप्रैल 2019 को उसके साथ पिता दुष्कर्म कर रहा था, इस कुकृत्य को पीडि़ता की दादी ने देख लिया। उसने शोर मचाकर पड़ोसियों को जुटा लिया। लोगों ने पकड़ कर उसे बांध दिया और पुलिस बुलाकर सौंप दिया। इसके बाद पीडि़ता के बयान पर जंदाहा थाने में तीन अप्रैल 2019 को पिता पर दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

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इस मामले में पुलिस ने पीडि़ता का बयान अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अनुपम कुमारी के समक्ष दर्ज कराया था। दो जून 2019 को आरोप पत्र समर्पित किया गया। न्यायालय ने 18 जून 2019 को संज्ञान लिया। 26 अगस्त 2019 को आरोप गठित किया गया। विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने नौ साक्षियों का परीक्षण-प्रतिपरीक्षण कराया। इसमें पीडि़ता सहित दो साक्षी बयान से मुकर गए जबकि सरकारी गवाह न्यायिक दंडाधिकारी अनुपम कुमारी, डा. ज्योत्सना, डा. बीके सिंह, डा. गोपाल प्रसाद सिंह, डा. एसके वर्मा एवं केस अनुसंधानक ने घटना को सही बताते हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए। इस आधार पर न्यायालय ने दुष्कर्मी पिता को बीते 27 जून को दोषी करार किया। मामले में एक्सेस टू जस्टिस फार चिल्ड्रेन के सचिव सुधीर कुमार शुक्ला एवं उनकी टीम ने सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

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