तूफान ‘जवाद’ का खौफ, पहले ही फसल काटने लगे किसान.. यहां के 13 जिलों के कलेक्टर निचले इलाके वाले लोगों को हटाने की कवायद में जुटे

Fear of storm 'Jawad', farmers already started harvesting crops

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  • Publish Date - December 3, 2021 / 12:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

ओडिशा, भुवनेश्वर। ओडिशा के सामने एक और तूफान का खतरा है जो पूर्वी तट की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। “जवाद” तूफान के डर से किसान समय से पहले ही अपने फसल को काटने लगे हैं। इस सप्ताह के अंत तक चक्रवाती तूफान जवाद के आने के अनुमान के साथ ही राज्यभर के किसान धान की फसल को समय से पहले काट ले रहे हैं।

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मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण अंडमान सागर में बनने वाला निम्न दबाव का क्षेत्र तेज हो जाएगा और 4 दिसंबर को चक्रवाती तूफान के रूप में ओडिशा तट की ओर बढ़ जाएगा। चक्रवाती तूफान को देखते हुए ओडिशा सरकार ने 13 जिलों के कलेक्टर को आपदा की स्थिति में निचले इलाकों वाले लोगों को वहां से हटाने को लेकर अपनी तैयारी करने के लिए कहा है।

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चक्रवात तूफान की वजह से किसान धान के अधपके फसल को काटने के लिए मजबूर है। बालासोर जिले के रहने वाले एक किसान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पहले यास, फिर कटाई के समय से पहले बेमौसम बारिश और अब फिर से एक चक्रवाती तूफान। हमें इन झटकों से कम ही उबरने का समय मिला है।

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धान अभी भी पूरी तरह से पकना बाकी है लेकिन हम इसे जल्दी काटने को मजबूर हैं। वहीं एक और किसान ने कहा कि एक के बाद एक आ रही प्राकृतिक आपदा की वजह से हो रहे फसल की क्षति हमें भारी कर्ज में डूबा देगी। इस साल उत्पादन आम तौर पर होने वाले उत्पादन से क़रीब 40 फीसदी कम हुआ है।

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बालासोर की तरह ही उड़ीसा के दूसरे जिलों में भी यही हाल है। फसलों की क्षति से बचने के लिए किसान तय मूल्य से काफी कम दामों में अपने उत्पाद को बेच रहे हैं। मौजूदा वर्ष के लिए सरकार ने धान का खरीद मूल्य 1940 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। लेकिन किसान अपनी उपज को 900-1000 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचने को मजबूर हैं जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।