पहले कोविड-19 लॉकडाउन से भारत में वायु गुणवत्ता सुधरी: अध्ययन

पहले कोविड-19 लॉकडाउन से भारत में वायु गुणवत्ता सुधरी: अध्ययन

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  • Publish Date - June 2, 2021 / 01:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) भारत में पिछले साल कोविड-19 महामारी के चलते लागू किये गए पहले लॉकडाउन से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ और कई शहरी इलाकों में भूमि की सतह के तापमान में गिरावट आई। एक अध्ययन में यह बात कही गई है।

‘एन्वायरमेंटल रिसर्च’ नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में बड़े पैमाने पर नीति के कार्यान्वयन से पर्यावरण को होने वाले संभावित लाभों के बारे में ठोस साक्ष्य पेश किये गए हैं।

अध्ययन में पाया गया कि महामारी के शुरुआती दिनों में यात्रा और कामकाज पर लागू की गईं पाबंदियों से पर्यावरण में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि इन पाबंदियों से औद्योगिक गतिविधियां अचानक कम हो गई थीं। साथ ही सड़क और वायु परिवहन के इस्तेमाल में अच्छी खासी कमी आई।

अध्ययनकर्ताओं ने सतह के तापमान, वायुमंडलीय प्रदूषकों और एरोसोल में परिवर्तन को मापने के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के सेंटीनेल -5 पी और नासा के मोडिस सेंसर सहित पृथ्वी अवलोकन सेंसर की एक श्रृंखला के आंकड़ों का उपयोग किया।

इस अध्ययन में अध्ययनकर्ताओं ने छह प्रमुख शहरी इलाकों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू और हैदराबाद पर ध्यान केन्द्रित किया और पिछले साल महामारी के बीच मार्च से लेकर मई तक के आंकड़ों की तुलना की।

अध्ययन में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओटू) में उल्लेखनीय कमी आने की बात कही गई है, जो कि जीवाश्म ईंधन के दहन से उत्सर्जित एक ग्रीनहाउस गैस है। यह पूरे भारत में औसतन 12 प्रतिशत और छह शहरों में 31.5 प्रतिशत की कमी के बराबर है।

अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इसमें 40 प्रतिशत की कमी आई।

उन्होंने कहा कि अकेले भारत में हर साल खराब वायु गुणवत्ता का शिकार होने से करीब 16 हजार लोगों की समय पूर्व मृत्यु हो जाती है।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि भारत के प्रमुख शहरों में भूमि की सतह के तापमान में पिछले पांच साल के औसत (2015-2019) के मुकाबले काफी गिरावट आई और दिन में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस जबकि रात में 2 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा रहा।

ब्रिटेन की साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर व अध्ययन के सह-लेखक जादू दास ने कहा, ‘हमने स्पष्ट रूप से देखा कि वायुमंडलीय प्रदूषकों में कमी के परिणामस्वरूप स्थानीय स्तर पर दिन और रात के तापमान में कमी आई । सतत शहरी विकास की योजना बनाने में यह एक महत्वपूर्ण खोज है।”

अध्ययन में पाया गया कि भारत के प्रमुख हिस्सों में सतह के तापमान के साथ-साथ, सतह और वायुमंडल के शीर्ष पर वायुमंडलीय प्रवाह में भी काफी गिरावट आई है।

भाषा जोहेब माधव

माधव