अगरतला, 26 दिसंबर (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शुक्रवार को जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सामाजिक आंदोलन पर जोर दिया और इसे अपराध बताया।
अगरतला के बाहरी इलाके चांदमारी स्थित एक गुरुद्वारे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने सिख गुरु गोबिंद सिंह के ‘साहिबजादों’ के सर्वोच्च बलिदान को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी ताकि साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को नमन किया जा सके, जिनका अद्वितीय बलिदान पीढ़ियों को प्रेरित करता रहा है।
गुरु गोबिंद सिंह के तीसरे और चौथे पुत्र, जिनकी आयु क्रमशः नौ और छह वर्ष थी, पर किए गए ऐतिहासिक अत्याचारों का उल्लेख करते हुए, साहा ने कहा कि यह घटना मुग़ल सम्राट औरंगजेब की अत्यधिक अमानवीयता को दर्शाती है।
वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस दिवस ने लोगों को धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने की सीख दी। धर्म स्वयं की पसंद है और बल या प्रलोभन देकर धर्मांतरण करना अपराध है।’
साहा ने पाकिस्तान में पिछले कुछ वर्षों में हिंदू आबादी में आई कमी पर भी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता के बाद के समय में पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान की स्थिति अलग-अलग थी, लेकिन अब पाकिस्तान में हिंदू आबादी चिंताजनक रूप से घट रही है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी जबरन धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।’
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश