नीतीश कुमार को बड़ा झटका ! JDU के पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने थामा राजद का दामन

नीतीश कुमार को बड़ा झटका ! JDU के पूर्व विधायक महेश्वर सिंह ने थामा राजद का दामन

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  • Publish Date - July 3, 2021 / 12:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

पटना, तीन जुलाई (भाषा) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से दो बार विधायक रह चुके महेश्वर सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया है। राजद ने दावा किया कि महेश्वर सिंह के उसके साथ आने से पार्टी को ताकत मिली है।

सिंह ने राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की उपस्थिति में राजद की प्राथमिक सदस्यता ली। उन्होंने दावा किया कि ‘‘भारी दबाव’ के बावजूद वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर आ गए हैं। इस मौके पर पूर्वी चंपारण के उनके कई समर्थक भी डिजिटल माध्यम से राजद में शामिल हुए।

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सिंह का राजद में स्वागत करते हुए तेजस्वी यादव ने उनके साथ पूर्व के संबंधों को याद किया जब करीब एक दशक पहले दिवंगत रामविलास पासवान द्वारा लोजपा का गठन किए जाने के बाद वह विधानसभा में पार्टी के नेता थे और लालू प्रसाद की पार्टी के साथ उनके संबंध थे।

तेजस्वी यादव ने दावा किया कि जदयू और भाजपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं लेकिन मुख्यमंत्री की पार्टी के अन्य पूर्व विधायक मंजीत सिंह के सवाल पर बचते नजर आए। मंजीत सिंह हाल में राजद नेता से मिले थे जिसके बाद उनके पाला बदलने के कयास लगने थे। हालांकि, नीतीश कुमार से बात करने के बाद उन्होंने इन खबरों का खंडन किया।

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘‘मेरा आकलन नहीं है कि यह सरकार गिरेगी बल्कि यह राज्य की जनता की इच्छा है कि हम इसे पदच्युत करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसकी वजह यह है कि विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों की भावना हमारे महागठबंधन के पक्ष में थी लेकिन राजग को बिना किसी स्पष्टीकरण के बहुमत मिला।’’

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राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव द्वारा राजद के 25वें स्थापना दिवस पांच जुलाई को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करने की उम्मीद है जिससे माना जा रहा है कि पार्टी का और मनोबल बढ़ेगा। लालू प्रसाद यादव डिजिटल माध्यम से अपना भाषण देंगे।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने ‘‘अपने चुनिंदा नौकरशाहों को स्थानांतरण और पदोन्न्ति की आजादी देकर भ्रष्टाचार को प्रोत्साहित किया है।’’ इसके साथ ही उन्होंने समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी के इस्तीफे का संदर्भ दिया जिन्होंने कथित तौर पर मंत्री द्वारा स्थानांतरण की मंजूरी के बावजूद अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया बाधित करने से नाराज होकर यह कदम उठाया था।

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में ‘आरसीपी कर’ दिए बिना कुछ नहीं होता।’’तेजस्वी ने यह टिप्पणी मुख्यमंत्री के करीबी जदूय के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का परोक्ष उल्लेख करते हुए की।

जब उनसे उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रेणु देवी के भाई पर जमीन कब्जाने और उगाही करने के लगे आरोपों के बारे में पूछा गया तो तेजस्वी ने तंज करते हुए कहा, ‘‘ सभी पाप धुल जाते हैं अगर आप उस पार्टी में शामिल हो जाते हैं। उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।’’

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लोजपा नेता चिराग पासवान को उनके पिता राम विलास पासवान द्वारा गठित पार्टी लोजपा में किनारे करने और चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा नेतृत्व संभालने के बाद तेजस्वी ने चिराग को समर्थन देने की पेशकश की थी। इस बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘ हमारी सहानुभूति चिराग के साथ है। उनके साथ गलत हुआ है। लोजपा में टूट की रूपरेखा जदयू ने तैयार की है। हालांकि, उन्हें तय करना है कि उन्हें संविधान में विश्वास करने वालों के साथ जाना है या ‘बंच ऑफ थॉट्स’ का समर्थन करने वालों के साथ।’’ ‘बंच ऑफ थॉट्स’ एमएस गोलवलकर की किताब है जो भाजपा की कथित मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रमुख विचारधारा है।

विधानसभा के आगामी मानसून सत्र के दौरान राजद की रणनीति के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसपर चर्चा करनी है। पिछले सत्र में अभूतपूर्व घटना देखने को मिली जब पुलिस द्वारा सदस्यों को परिसर से बाहर निकाला गया और उनके साथ धक्का मुक्की हुई। महिला सदस्यों के साथ बहुत ही असम्मानजनक व्यवहार हुआ।’’

गौरतलब है कि राज्य मंत्रिमंडल ने 26 से 30 जुलाई के बीच विधानमंडल का मानसून सत्र आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।