तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर की जयंती मनाई गई

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर की जयंती मनाई गई

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर की जयंती मनाई गई
Modified Date: January 17, 2024 / 06:29 pm IST
Published Date: January 17, 2024 6:29 pm IST

चेन्नई, 17 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तमिलनाडु के मंत्रियों और अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेताओं ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन को उनकी 107वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘महान एमजीआर की जयंती पर आज हम उनके जीवन को याद करते हैं। वह तमिल सिनेमा के सच्चे आदर्श और दूरदर्शी नेता थे। उनकी विशेष रूप से सामाजिक न्याय और सहानुभूति पर आधारित फिल्म बड़े पर्दे से परे दिल जीतती हैं।’

उन्होंने कहा, ‘एक नेता और मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए अथक कार्य किया और तमिलनाडु के विकास पर स्थायी प्रभाव छोड़ा। उनका काम हमें प्रेरित करता रहेगा।’

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अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने यहां पार्टी मुख्यालय में 107 किलोग्राम का केक काटा और इसे पार्टी कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों को बांटा।

इस अवसर पर नेता विपक्ष पलानीस्वामी ने ‘अन्नधनम’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और लाभार्थियों को कल्याणकारी सहायता वितरित की।

उन्होंने पार्टी का झंडा फहराया और अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजीआर तथा पूर्व पार्टी प्रमुख दिवंगत जे जयललिता की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।

मंत्री टी एम अनबरसन और पीके शेखर बाबू, चेन्नई महापौर आर प्रिया तथा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यहां दिवंगत नेता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, जिसे डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी के परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री की आदमकद प्रतिमा के पास रखा गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, जयललिता की विश्वासपात्र रहीं वीके शशिकला, अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम प्रमुख टीटीवी दिनाकरण समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

पुडुचेरी में मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने इस अवसर पर अन्नाद्रमुक के संस्थापक की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

एमजीआर के रूप में जाने जाने वाले रामचंद्रन बेहद सफल अभिनेता थे और वह द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्य थे लेकिन एम करुणानिधि के साथ मतभेदों के बाद उन्होंने अन्नाद्रमुक की स्थापना की थी।

वह तमिलनाडु के करीब 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे। उनका निधन 1987 में हुआ था और वह अपने जीवन के अंतिम समय तक मुख्यमंत्री पद पर रहे।

भाषा नेत्रपाल पवनेश

पवनेश


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