सरकारी नौकरी देने के नाम पर 6 करोड़ की ठगी, सेमीनार आयोजित कर बेरोजगारों को लेते थे झांसे में, 4 आरोपी गिरफ्तार

Fraud of 6 crores in the name of giving government jobs, organized seminars and took the unemployed in a hoax

  •  
  • Publish Date - October 21, 2021 / 04:53 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस के विशष कार्यबल (एसटीएफ) ने नौकरी का झांसा देकर करीब 500 बेरोजगार युवकों से लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के कथित सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

READ MORE : आधार कार्ड में लगी फोटो आपको भी नहीं हैं पसंद, तो ऐसे करें चेंज, जानें प्रोसेस

एसटीएफ ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में बताया कि विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 500 बेरोजगार युवकों से लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना अरुण कुमार दुबे और उसके साथियों अनिरुद्ध पांडे, खालिद मुनव्वर बेग और अनुराग मिश्रा को बुधवार रात लखनऊ के विभूति खंड इलाके से गिरफ्तार किया गया।

READ MORE :  छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिव का बड़ा बयान, बोले- भूपेश ही रहेंगे मुख्यमंत्री, मीडिया को लेकर कही ये बात

उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोग ‘कृषि कुम्भ प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘मदर हुड केयर कम्पनी’ एवं गैर सरकारी संगठन खोलकर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इस सिलसिले में लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एक मुकदमा भी दर्ज है। पकड़े गए लोगों के कब्जे से बड़ी संख्या में कर्मचारी हैंडबुक, स्टांप पेपर, लेटर हेड तथा अन्य सामान बरामद हुआ है।

READ MORE : पहली बार इंसान के शरीर में लगाई गई सुअर की किडनी, यहां के डॉक्टरों ने हासिल की ये सफलता

गिरोह के सरगना अरुण कुमार दुबे ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया है कि वह वर्ष 2015 में एक कंपनी में मैनेजर के पद पर तैनात था, तब कंपनी के दफ्तर से 10 लैपटॉप और बैटरी चोरी होने के मामले में वह जेल गया था। एसटीएफ के अनुसार दुबे ने बताया कि वहां से छूटने के बाद उसने अपने साथियों की मदद से विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लगभग 500 बेरोजगार युवकों से करीब छह करोड़ रूपये की ठगी की।

READ MORE : प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी, 8 जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी

उसने बताया कि वह और उसके साथी समय-समय पर कम्पनी के सेमिनार आयोजित करते थे। उन्होंने कुछ लोगों को अपनी कम्पनी कृषि कुम्भ और मदर हुड केयर में भी जोनल कोऑर्डिनेटर, जिला विक्रय अधिकारी तथा ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के पद पर नौकरी दी थी। कुछ महीने कार्य करने पर जब उन लोगों को वेतन नहीं मिला तब वे दबाव बनाने लगे, जिसके बाद उन सभी को यह नोटिस भेज दिया गया कि उन्होंने कम्पनी के अनुशासन के अनुरूप कार्य नहीं किया है। इस कारण उन्हें कंपनी से निकाला जा रहा है।