नामित अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बिल्कुल नया अनुभव है गगनयान मिशन

नामित अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बिल्कुल नया अनुभव है गगनयान मिशन

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  • Publish Date - May 13, 2025 / 09:12 PM IST,
    Updated On - May 13, 2025 / 09:12 PM IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पायलट से लेकर गगनयान मिशन का चेहरा बनने तक का सफर, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव रहा है।

गगनयान मिशन पर भेजे जाने के लिए अंगद प्रताप, अजित कृष्णन, शुभांशु शुक्ला और पार्श्वनाथ नायर का चयन किया गया, जिसने उन्हें रातों-रात नायक बना दिया।

शुक्ला 29 मई को इसरो-नासा संयुक्त मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले हैं। भारतीय वायुसेना के दोनों पायलट प्रताप और कृष्णन पिछले सप्ताह यहां अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (ग्लेक्स) में शामिल हुए थे।

कृष्णन अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण के बाद भारतीय वायुसेना में फिर से शामिल हुए हैं, जबकि प्रताप पीएचडी कर रहे हैं और अध्ययन अवकाश पर हैं।

इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘गगनयान मिशन से 12 महीने पहले उनका प्रशिक्षण फिर से शुरू होगा।’’

प्रताप ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आपकी ज़िंदगी थोड़ी सार्वजनिक हो जाती है। लोग आपको जानने लग जाते हैं। ऐसी कई चीजें हैं जो मैं लोगों से बातचीत के दौरान सीखता हूं। मुझे बहुत से लोगों के सपनों के बारे में पता चलता है। मुझे कई अन्य लोगों से बहुत प्रेरणा मिलती है।’’

गगनयान 2027 की शुरुआत में अंतरिक्ष में भेजे जाने की उम्मीद है, जिसमें इसरो दो अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ दिनों के लिए एक अंतरिक्ष यान में पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और उन्हें सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लाने की योजना बना रहा है।

परीक्षण पायलट से अंतरिक्ष यात्री-नामित होने तक का सफर प्रताप के लिए ‘‘चुनौतीपूर्ण और रोमांचक’’ रहा है।

प्रताप ने कहा, ‘‘ऐसे मिशन के अंदर, कई अप्रत्याशित घटनाएं हो सकती हैं। परीक्षण पायलट को इन परिस्थितियों का सामना करने की आदत होती है क्योंकि परीक्षण पायलट के रूप में, हम अप्रमाणित यान के अंदर उड़ान भरते हैं जिन्हें पहली बार असेंबल किया जाता है।’’

प्रताप ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में रूस के साथ-साथ बेंगलुरु के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में भी बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम व्यापक था और इसमें मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और व्यवहारिक पहलुओं को शामिल किया गया था, जो अंतरिक्ष की अनूठी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करता है।’’

अंतरिक्ष उड़ान के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आपको व्यवहारिक रूप से प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है कि आप सबसे विषम परिस्थिति में भी अपना सर्वश्रेष्ठ कैसे दे सकते हैं।’’

प्रताप ने कहा कि उन्हें पता था कि वे वैज्ञानिकों, तकनीशियन, इंजीनियरों और इसरो, शैक्षणिक संस्थानों और सहायक उद्योगों के अनगिनत व्यक्तियों की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम अंतरिक्ष में जाते हैं तो हम उनकी उम्मीदों को लेकर जाते हैं। जब प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने अंतरिक्ष यात्री के रूप में हमारे नामों की घोषणा की, तो ऐसा लगा जैसे हमारे कंधों पर 1.4 अरब लोगों की जिम्मेदारी है।’’

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश