नई दिल्ली। गंगा नदी की सफाई के मुद्दे पर बीते 22 जून से अनशन पर बैठे पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का गुरुवार को निधन हो गया। उन्हें हरिद्वार से दिल्ली लाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनका निधन हो गया। जीडी अग्रवाल आईआईटी में प्रोफेसर रह चुके थे। वे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी रह चुके थे। बीते कुछ समय से वे संन्यासी जीवन जी रहे थे।
गौरतलब है कि गंगा में अवैध खनन, बांधों जैसे बड़े निर्माण और उसकी अविरलता को बनाए रखने के मुद्दे पर पर्यावरणविद स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) अनशन पर थे। वे गंगा से जुड़े बहुत से मसलों पर केंद्र सरकार को पहले भी कई बार आगाह कर चुके थे और इसी साल फरवरी में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गंगा के लिए अलग से क़ानून बनाने की मांग की थी। जवाब ना मिलने पर 86 साल के स्वामी सानंद 22 जून को अनशन पर बैठ गए थे। इस बीच केंद्रीय मंत्री उमा भारती और नितिन गडकरी उनसे अपना अनशन तोड़ने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने अपना अनशन जारी रखा।
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बता दें कि स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ जीडी अग्रवाल वर्ष 2012 में भी इसी मुद्दे को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे। बाद में सरकार की ओर से अपनी मांगों पर सहमति मिलने के बाद अनशन समाप्त कर दिया। तब उनकी हालत बिगड़ गई थी और वाराणसी से दिल्ली लाया गया था.
वेब डेस्क, IBC24
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