गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से दरगाह में चादर पेश कर अकीदत के फूल चढ़ाए

गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से दरगाह में चादर पेश कर अकीदत के फूल चढ़ाए

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  • Publish Date - February 6, 2022 / 08:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

जयपुर, छह फरवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से चादर पेश की। मुख्यमंत्री ने ख्वाजा साहब के 810वें सालाना उर्स में अकीदत के फूल चढ़ा कर देश-प्रदेश में खुशहाली, अमन-चैन की दुआ मांगी।

उनके साथ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अल्प संख्यक विभाग के अध्यक्ष इकराम प्रतापगढ़ी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

दरगाह में जियारत यासिर गुर्देजी ने करवाई। अंजुमन के वाहिद अंगारा सहित संस्था के पदाधिकारियों ने गणमान्य व्यक्तियों का इस्तकबाल किया।

इस अवसर पर इकराम प्रतापगढ़ी ने सोनिया गांधी का संदेश पढ़कर सुनाया।

गांधी ने अपने संदेश में कहा कि इंतेहाई अकीदत व एहतराम के साथ मैं ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी (रह) के 810वें उर्स मुबारक के मौके पर अपनी और पूरी कांग्रेस पार्टी की जानिब से ख्वाजा की बारगाह में चादर रवाना करते हुए खुद को बेहद खुशकिस्मत पा रही हूं।

उन्होंने कहा, ‘‘खयाल रहे कि पुरखुलूस जज्बात और अकीदत के साथ सुल्तान उल हिंद के आस्ताना मुबारक पर चादर चढ़ाई जाती है। चादर चढ़ाने का यह हसीन मौका हमारे वतन की गंगा-जमुनी तहजीब, कौमी एकता, आपसी भाईचारा, प्यार व मोहब्बत, अदब और रवादारी की अलामत है। इससे पूरी दुनिया को यह पैगाम जाता है कि हिन्दुस्तान में कौमी इत्तेहाद और भाईचारा की जड़ें इन्तेहाई गहरी हैं। यह रिवायत हमारे मुल्क का कीमती सरमाया है, जिसकी हिफाजत करना हम सबका फर्ज है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यकीनन मुल्क आज एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। कोरोना जैसी वबा ने आलमी पैमाने पर इंसानियत को इबरत-अंगेज हालात से दो-चार कर रखा है।

उन्होंने संदेश में कहा ‘‘आइए, हम सब मिलकर ख्वाजा की बारगाह में हाथ उठाकर दुआ करें कि मुल्क के अंदर अमन, शांति, प्यार व मोहब्बत, जम्हूरियत और सदियों पुरानी गंगा-जमुनी तहजीब हमेशा बरकरार और कायम रहे। हम दुआ करें कि अमन के दुश्मनों की तमाम साजिशें नाकाम हों। मुझे पूरा भरोसा है कि दुआ के लिए उठे हाथ खुदा की जात से कुबूलियत जरूर हासिल करेंगे।’’

भाषा कुंज कुंज बिहारी रंजन

रंजन